राजस्थान RGHS में बड़ा घोटाला उजागर, सरकार की ताबड़तोड़ कार्रवाई: 34 अस्पताल और 431 फार्मा स्टोर निलंबित, 17 प्रकरणों में एफआईआर,40 करोड़ से ज्यादा की पैनल्टी वसूली

जयपुर। राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम में भारी अनियमितताओं के खुलासे के बाद सरकार ने अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई करते हुए 34 अस्पतालों और 431 फार्मा स्टोर को योजना से निलंबित कर दिया है। योजना का गलत इस्तेमाल करने के आरोप में 28 सरकारी कर्मचारियों को भी निलंबित किया गया है। तीन महीनों की जांच में सामने आए गंभीर मामलों पर 17 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। चिकित्सा विभाग ने शुक्रवार को विस्तृत आंकड़े सार्वजनिक किए।
स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि अस्पतालों, फार्मा स्टोर्स और कई सरकारी कार्मिकों की मिलीभगत से RGHS योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों की शिकायतें मिल रही थीं। इससे योजना की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर असर पड़ रहा था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर विशेष ऑडिट कराया गया, जिसमें प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए संस्थानों और कार्मिकों पर सीधी कार्रवाई की गई। खींवसर ने साफ कहा कि भविष्य में ऐसे मामले रोकने के लिए एंटी फ्रॉड सेल भी गठित कर दिया गया है और जल्द नई SOP जारी होगी।
दोहरा क्लेम और महंगे पैकेज का खेल
विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ के मुताबिक जांच में चौकाने वाली बातें सामने आईं। कई अस्पताल एक ही सर्जरी का दोहरा क्लेम उठा रहे थे। कुछ अस्पताल निम्न दरों पर उपलब्ध जांचों को महंगे पैकेज में दिखा कर बड़े बिल बना रहे थे। अनावश्यक जांचें कराकर भी क्लेम बढ़ाए जा रहे थे। ऐसे अस्पतालों से लगभग 36 करोड़ रुपये की पेनल्टी पहले ही वसूल की जा चुकी है।
फार्मा स्टोर और डॉक्टर-लाभार्थी की सांठगांठ
दवा नहीं देना, नकली बिल, बिल जारी न करना, या फिर डॉक्टर-फार्मासिस्ट-लाभार्थियों की सांठगांठ से योजना का दुरुपयोग—जांच में ऐसे भारी अनियमितताएं सामने आईं। इसी कारण 431 फार्मा स्टोर को ब्लैकलिस्ट कर निलंबित किया गया है। इनसे अब तक 4.64 करोड़ रुपये की पेनल्टी वसूली गई है।
इसके साथ ही योजना का गलत इस्तेमाल करने वाले लाभार्थियों के 1,000 से अधिक RGHS कार्ड ब्लॉक किए जा चुके हैं। 28 सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सेवा से निलंबित कर दिया गया है।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि RGHS योजना को भ्रष्टाचार और सांठगांठ से मुक्त करने के लिए किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। जांच आगे भी जारी रहेगी और गड़बड़ी करने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था को बख्शा नहीं जाएगा।
