बस चालक सतीश राव ने मौत से पहले बचाई 50 यात्रियों की जान

राजसमंद: जिले के केलवा के पास इंदौर से जोधपुर जा रही एक निजी बस के चालक सतीश राव (36) ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी सूझबूझ से 50 से अधिक यात्रियों की जान बचा ली। गुरुवार सुबह करीब 5 बजे सतीश को अचानक बेचैनी महसूस हुई और वह बेसुध हो गए। उन्हें तुरंत देसूरी (पाली) के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने साइलेंट हार्ट अटैक के कारण उनकी मृत्यु की पुष्टि की। सतीश जोधपुर के भोजासर गांव के निवासी थे।
बस स्टाफ के अनुसार, सतीश की तबीयत केवल 15-20 मिनट में ही अचानक बिगड़ गई। उन्होंने बताया कि घटना से महज 15 किलोमीटर पहले सतीश ने अस्वस्थता की शिकायत की और तुरंत अपने साथी चालक को स्टीयरिंग सौंप दी। वह खुद पास की सीट पर बैठ गए। कुछ ही देर बाद वह अचेत होकर लुढ़क गए। साथी चालक ने तत्परता दिखाते हुए बस को सुरक्षित रोककर उन्हें देसूरी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी।हादसे के समय बस में 50 से अधिक यात्री सवार थे। सतीश की समय रहते की गई सूझबूझ के कारण एक बड़ा हादसा टल गया। लंबी दूरी की बसों में दो चालकों की व्यवस्था ने इस बार यात्रियों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। घटना का वीडियो बस के सीसीटीवी में कैद हुआ, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
परिजनों ने पोस्टमार्टम से इनकार कर दिया, जिसके बाद शव उन्हें सौंप दिया गया। सतीश की इस अंतिम सूझबूझ ने न केवल यात्रियों की जान बचाई, बल्कि उनकी जिम्मेदारी और कर्तव्यनिष्ठा को भी उजागर किया।
