कार्मिकों और आमजन को दी नए कानूनों की जानकारी
चित्तौड़गढ़। 1 जुलाई से लागू होने वाली नवीन विधियों - भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के प्रावधानों से अधिकारियों, कर्मचारियों और आमजन को अवगत करवाने के लिए मंगलवार को जिला परिषद सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मास्टर ट्रेनर सीमा मालवीय ने नए कानूनों के अंतर्गत धाराओं, प्रावधानों, न्याय प्रक्रिया आदि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नवीन कानूनो के माध्यम से न्याय को सुलभ बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाने, इलेक्ट्रॉनिक एफआईआर की व्यवस्था, जुर्माना राशि बढ़ाने, सामुदायिक सेवा जैसे प्रावधान किए गए हैं।
नये कानूनों में यौन अपराधों के लिए कड़े उपाय किए गए हैं। कानून में उन लोगों के लिए दस साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है, जो बिना किसी इरादे के शादी का वादा करके धोखे से यौन संबंध बनाते हैं। संगठित अपराध जैसे अपहरण, डकैती, वाहन चोरी, जबरन वसूली, भूमि हड़पना, अनुबंध हत्या, आर्थिक अपराध, साइबर अपराध और व्यक्तियों, ड्रग्स, हथियारों या अवैध वस्तुओं या सेवाओं की तस्करी को लेकर कड़े कानून बनाए गए हैं।
संगोष्ठी में अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार ने कहा कि पुराने कानूनों के स्थान पर लाये जा रहे नये कानून हमारे संविधान की तीन मूल भावनाओं - व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सभी के साथ समान व्यवहार के सिद्धांत के आधार पर बनाये गये हैं। नए कानूनों में महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ अपराध, मानव शरीर को प्रभावित करने जैसे मामलो को प्राथमिकता दी गयी है। नए कानूनों में पुलिस एवं नागरिकों के अधिकारों के बीच अच्छा संतुलन कायम किया गया है एवं आई टी के उपयोग से कई प्रणालियों को सरलीकृत किया गया है। उन्होंने तीन नए कानून के बारे में महिला एवं बच्चों सहित आमजन को जागरूक करने का आह्वान किया।
संगोष्ठी में मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश कुमार मंडोवरा, डीवाईएसपी रामेश्वर लाल, बीडीओ अभिषेक शर्मा, गजेंद्र सिंह नरूका पुलिस निरीक्षक, समाज कल्याण अधिकारी विकास खटीक, नागेंद्र सिंह झाला अधिवक्ता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी एवं आमजन उपस्थित रहे।