विश्व जूनोसिस दिवस शनिवार को

चित्तौड़गढ़, । विश्व पशु जन्य रोग दिवस के अवसर पर शनिवार को चिकित्सा संस्थानों पर आमजन को पशु जन्य रोग से बचाव के बारे में जागरूक किया जाएगा। सीएमएचओ डॉ तारा चंद गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय एकीकृत स्वास्थ्य पशु जन्य रोग निवारण कार्यक्रम के अंतर्गत पशु जन्य रोग से बचाव और जागरूकता कार्यक्रम संचालित है जिसमें आमजन को आईईसी प्रदर्शन, वितरण और प्रसारण के माध्यम से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है।

सीएमएचओ डॉ गुप्ता ने बताया कि पशु जन्य रोग में रेबीज़, स्क्रब टायफस, एवियन इनफ्लुएंजा, जापानी इन्सेफेलाइटसिस, ब्रूसलॉसेस, सेल्मोनेसिस, एंथ्रेक्स,लेऐस्पायरोसिस इत्यादि आते हैं, जो पशुओं से मानवो में विभिन्न माध्यमों से फैल जाते हैं। जिससे बचाव के लिए बचाव उपाय और आवश्यक सावधानियां अपनाएं।

डिप्टी सीएमएचओ हैल्थ डॉ. मुकेश विजयवर्गीय ने बताया कि पशु जन्य रोग अप्रत्यक्ष संपर्क, वेक्टर जनित, वायु जनित, प्रत्यक्ष संपर्क और खाद्य जनित तरीके से फैल सकते हैं। उन्होंने बताया कि पशु जन्य रोग के अप्रत्यक्ष फैलाव में जानवरों के रहने- घूमने वाली सतह आती है जो कीटाणुओं से दूषित हो जाती है एवं वेक्टर जनित का फैलाव कीड़े, घुन, मच्छर के काटे जाने पर पर होता है। उन्होंने बताया कि वायु जनित फैलाव वायरस से होता है और खाद्य जनित फैलाव संक्रमण जानवर एवं दूषित मांस व दूध के सेवन करने से होता है। पशु जन्य रोग प्रत्यक्ष रूप में संक्रमित जानवर की लार, रक्त, मूत्र, बलगम,मल व शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से होता है। उन्होंने बताया कि आमजन गाय, भैंस, भेड़, बकरी, ऊंट ,कुत्ता बिल्ली, सूअर व बंदर के काटे जाने पर चिकित्सक को दिखाएं और इनमें असामान्य लक्षण पाए जाने पर इनसे बचकर रहें। उपरोक्त जन चेतना की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफॉम पर भी प्रसारित की जा रही है।

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