नानी बाई रे मायरे की लाज, सांवरिया के हाथ

नानी बाई रे मायरे की लाज, सांवरिया के हाथ
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चित्तौड़गढ़। श्रावणमासीय सनातन चातुर्मास कथा के चौथे दिवस युवाचार्य अभयदास महाराज ने नानी बाई का मायरा के मायरे प्रसंग को सुनाते हुए नरसी मेहता जी की भक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि नरसी जी ने दोहित्री के विवाह के समय नानी बाई के सुसराल से आई मायरे की चिट्ठी देखकर सोचा कि इतनी बड़ी मात्रा का मायरा कैसे सँभव होगा। मैं तो साधारण गरीब साधु ठहरा। नरसी जी ने ईश्वर की तरफ देखकर सांवरे को पुकार लगाई कि " नानीबाई के मायरे की लाज, सांवरिया के हाथ"।

मीडिया प्रभारी सुधीर जैन ने बताया कि इस प्रसंग के माध्यम से युवाचार्य अभयदास महाराज ने भगवान और भक्त के सबन्ध को बहुत ही आत्मीय ओर गहरा बताते हुए कहा कि कोई भक्त जब मन से पुकारता है तो भगवान को स्वयं प्रकट होना पड़ता है और भक्त की समस्या का समाधान अवश्य होता है। चातुर्मास कथा के पांचवे दिन नरसी जी द्वारा नानी बाई का मायरा भरा जायेगा जिसमे कथा प्रसंग अनुसार स्वयं भगवान मायरा भरने आयेंगे।

रविवार से चातुर्मास कथा में श्रीमदभागवत कथा का शुभारंभ होगा जो सात दिवस तक चलेगा सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा में सम्पूर्ण महाभारत पर विस्तृत सांस्कृतिक मूल्यों पर कथा होगी ।शनिवार को कथा में पेंशनर समाज एवं वरिष्ठ नागरिक मंच और माहेश्वरी युवा संगठन के कार्यकर्ता आरती के लिए उपस्थित रहेंगे।

कथा कार्यक्रम में प्रधान देवेन्द्र कंवर, इन्द्रा सुखवाल, तारावती धाकड़, भागचन्द मूंदड़ा, श्रवणसिंह राव, महेश ईनाणी, शिरीष त्रिपाठी, कैप्टन सुरेश ईनाणी, जीवन चौधरी, अभिषेक चावला, दुष्यन्त जोशी, ऋषि ईनाणी, लोकेश त्रिपाठी, चेतन गौड़, चन्द्र शेखर सोनी, अर्जुन बैरवा, जया कंवर, सिम्पल वैष्णव, प्रेम लोट सहित बड़ी संख्या में मातृशक्ति आदि भक्तों ने कथा श्रवण किया।

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