राजनीतिक का अखाड़ा बन चुका है जिले का सबसे बड़ा हॉस्पिटल मरीज हो रहे है परेशान: जाड़ावत



राजस्थान सरकार के पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्रसिंह जाड़ावत ने चित्तौड़गढ़ जिले के सबसे बड़े हॉस्पिटल श्री सांवरिया जी चिकित्सालय में चल रहे राजनीतिक अखाड़े को लेकर एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि पर बड़ा हमला बोला है उन्होंने कहा है कि पीएमओ दिनेश वैष्णव से पूर्वाग्रस्त होकर चिकित्सालय में अपनी मनमानी नहीं होने के कारण एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि ने पीएमओ को एपीओ करा दिया जिससे नए पीएमओ जयसिंह मीणा के ज्वाइन करने के कुछ दिनो बाद माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश लेकर पुनः पीएमओ पद ज्वाइन कर लिया किंतु जिले का मुख्य अस्पताल प्रशासनिक रूप से ठप्प हो चुका है पूरी तरह से अव्यवस्था फैल चुकी है मरीजों का हाल बेहाल मौसमी बीमारियों के चलते मरीजों को बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे है अभी तक तय नहीं हो पा रहा है कोन पीएमओ रहेगा जिसके निर्देशन में चिकित्सालय प्रशासनिक रूप से व्यवस्थित चल सके।

आमजन के स्वास्थ्य के मौलिक अधिकारों को देखते हुए चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर का कर्तव्य है कि वह उन अस्पतालों की चरमराती व्यवस्था का समाधान करे जो अस्पताल राज्य सरकार या स्थानीय प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे हैं चित्तौड़गढ़ मुख्यालय के चिकित्सालय को लेकर जिला कलेक्टर महोदय को संज्ञान लेकर कानूनी परीक्षण करवाकर गंभीर प्रयास करने चाहिए क्योंकि दिनों दिन चिकित्सालय के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं जनहित को देखते हुए प्रशासनिक रूप से सुचारू चले ऐसी व्यवस्था करना नितांत आवश्यक है।

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