कोरम में अधिकारियों को नहीं आने देना,किसानों को लोन के लिए मना करना पड़ा भारी"

कोरम में अधिकारियों को नहीं आने देना,किसानों को लोन के लिए मना करना पड़ा भारी
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निम्बाहेड़ा/छोटीसादड़ी। लगभग पिछले तीन महीने से बसेड़ा सहकारी समिति में उठा पटक चल रही थी, मामले ने तब तुल पकड़ा जब सारे नियमों को ताक में रखकर समिति अध्यक्ष घनश्याम आंजना ने समिति सदस्य 32 सालो से समिति अध्यक्ष रह चुके मनोहर लाल आंजना और निर्भय सिंह आंजना को समिति में लोन देने से मना कर दिया, जो की सोसायटी के नियमो की पूरी तरह से अवहेलना करने और समिति के हितों को नुकसान पंहुचाने का काम किया गया। इसकी शिकायत किसानों द्वारा बांसवाड़ा संभागीय उपायुक्त, चितौड़गढ़ सीकेएसबी बैंक के प्रबंध निदेशक अनिमेष पुरोहित, उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां प्रतापगढ़ जयदेव देवल को की गई।

समिति का रिकॉर्ड अधिकारियों द्वारा कार्यवाही करते हुवे जब्त कर संज्ञान लिया गया, जिस पर जिले के अधिकारी द्वारा गबन का आरोप भी उल्लेखित किया गया था, जिसकी पेशी उदयपुर 5.8.24 को सुनवाई निश्चित की गई, सुनवाई से पूर्व ही बसेड़ा सहकारी समिति अध्यक्ष हाईकोर्ट से लोन लेने वाले किसानों को डिफाल्टर किसान बताकर स्टे ले आए, जबकि लोन मांगने वाले किसान डिफाल्टर है ही नही, जिसकी भी सुनवाई अब होना हाईकोर्ट में तय है। इसके बाद बसेड़ा समिति सदस्यों की कोरम 21.08.24 को होना तय हुआ, जिसमे समिति सदस्यों सहित तीन सदस्य 1. भेरूलाल शर्मा प्रतिनिधि प्रबंध निदेशक केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड चितौड़गढ़, 2. क्रय विक्रय सरकारी समिति लिमिटेड छोटीसादड़ी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी, 3. शंकर लाल जाट, व्यवस्थापक (सहायक अधिशासी अधिकारी शाखा छोटीसादड़ी) जिसको बैंक द्वारा नियुक्त किया गया था। समिति की कोरम में उपस्थित होना था, कोरम के दिन बसेड़ा सहकारी समिति अध्यक्ष घनश्याम अंजना द्वारा अपनी मनमर्जी करते हुए सरकार व बैंक के आदेश की अवहेलना करते हुए उक्त नियुक्त तीनों सदस्यों को कोरम में बैठने से मना किया गया और कोरम में बैठने नहीं दिया गया। जिसको लेकर उदयपुर स्थित सहकारी समितियां उदयपुर खंड अतिरिक्त रजिस्ट्रार प्रेम प्रकाश मंडोत द्वारा 6 सितंबर को समिति अध्यक्ष और सदस्यों की सुनवाई की गई, जिसमे समिति सदस्य कमल सिंह आंजना, पुष्कर लाल पाटीदार, राधाकृष्ण मीणा, संजीत हरिजन और पिंकी पाटीदार ने समिति हितों और किसान सदस्यों के हितों की रक्षा करने को लेकर बसेड़ा समिति अध्यक्ष घनश्याम आंजना, जोकि पूर्व जिला परिषद सदस्य रह चुके है और इनकी पत्नी नंदू बाई आंजना छोटीसादड़ी पंचायत समिति प्रधान रह चुके है सहित पूरा बोर्ड भंग करने की अपील की, जिस पर उदयपुर खंड के अतिरिक्त रजिस्ट्रार प्रेम प्रकाश मांडोत द्वारा पूरी पूछताछ एवं छानबीन कर कार्रवाई करते हुए समिति के नियमों एवं हितों के विपरीत कार्य करने के मद्दे नजर बसेड़ा सहकारी समिति के अध्यक्ष एवं पूरे कार्यकारिणी बोर्ड को ही उदयपुर में अतिरिक्त रजिस्ट्रार द्वारा 6 सितंबर को सुनवाई करने के उपरांत पूरी तरह से भंग कर दिया गया और किसानों के हितों की रक्षा के लिए बसेडा समिति व्यवस्थित चलाने के उद्देश्य से अमृत लाल मीणा को प्रशासक नियुक्त किया गया है।

सोसायटी और उसके सदस्यों के हितों के प्रतिकूल कार्य करने को लेकर यह सब कार्यवाही हुई है। सहकारी समिति बसेड़ा के सभी सदस्यों एवं सोसायटी के हितों में लिए गए फैसले का आम जनता और किसानों ने स्वागत किया है।

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