मासिक भजन जागरण की नई परम्परा का शुभारंभ

मासिक भजन जागरण की नई परम्परा का शुभारंभ
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गंगरार BHN नवरात्रि के तीसरे दिन शनिवार रात्रि में गंगरार स्टेशन स्थित हनुमान मन्दिर पर आयोजित भजन जागरण का शुभारंभ भजन रचयिता व गायक पंडित जगदीश प्रसाद शर्मा द्वारा "गवरी गिरिजा के, गोदी में खेले गणेश" गणपति वंदना के साथ ही "हनुमत उड़ ले चला रे राम की निशानी",एवम "चलो चलो रे हंस दीवाना, हरि भेज दिया परवाना" आदि आध्यात्मिक भजनों की प्रस्तुतियो से हुआ। पंडित शर्मा ने सत्संग का महत्व बताते हुए कहा कि मानव जीवन में प्रभुभक्ति के लिए भजन परमावश्यक है। भजन जागरण में भजन गायक मदनलाल टेलर ने "दो दिन का यह दिखे उजाला, आखिर अंत अंधियारी,सुन ले प्राणी,"भजन गायक मधुसूदन शर्मा ने "भजले मनवा भगवान मिले, कहीं राम मिले कहीं श्याम मिले,एवम "तेरी पापों से पोट भरी, भगवत भजले नारायण हरी" मोनीष शर्मा ने "कीर्तन की है रात बाबा, आज थाने आणो है" भजन गायक हस्तीमल सुराणा ने "चदरिया जीनी रे जीनी एवम "अरज सुनले बनवारी रे, बिलख रही पांडव नारी रे" रतन लाल टेलर ने "आ लौट के आजा महावीर, तुझे रघुवीर बुलाते हैं" सोनू पूर्बिया ने "भजले राम राम, हो मनवा रे, रे मनवा जीवन है संग्राम " तथा किशन लाल जीनगर सहित कई भजन गायकों ने विविध राग रागनियो में भजनों की प्रस्तुतियां दी। ताल पर संगत गणेश लाल सुथार ने की। जबकि ढोलक पर संगत बालुराम गंधर्व कर रहे थे। इस नवीन परम्परा भजन सत्संग जागरण की स्थापना के समय श्री फतह लाल काखानी, देवी सिंह राठौड़, अशोक पोरवाल, निर्भय सिंह राणावत, खेमराज सनाढ्य, राजेन्द्र कुमार पोरवाल, चन्द्र शेखर उपाध्याय, नरेंद्र नाथ व्यास, महेन्द्र व्यास, नारायण लाल पूर्बिया, बाबू लाल गुजराती, भारत सोनी, ,ललित शर्मा, सुनिल काखानी, नीरज सोनी, बंटी सोनी, लाला सोनी, सहित कई श्रद्धालु उपस्थित थे। मध्यरात्रि के बाद हनुमान जी की आरती उतार प्रसाद वितरित किया गया।

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