दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन के समापन

दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन के समापन
X

चित्तौडगढ । विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए विद्यार्थी को केंद्र में रखकर संस्कार,संस्कृति, नैतिकता युक्त शिक्षण अधिगम करवाते हुए मानवीय समुन्नति सुनिश्चित की जा सकती है। उक्त विचार राष्ट्रपति पुरस्कृत आसावरा प्रधानाचार्य डॉ. गोविंद राम शर्मा ने राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद प्रधानाचार्य रेसा-पी के दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन के समापन में व्यक्त किए।

जिला मंत्री भगवान लाल सुथार प्रधानाचार्य महात्मा गांधी विद्यालय भीमगढ़ ने बताया कि समापन सत्र की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार जैन प्रधानाचार्य घोसुंडी ने की।

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष जैन ने प्रधानाचार्यों का आह्वान किया कि वो किसी भी परिस्थिति में अपने धैर्य का परित्याग नहीं करें एवं सरकार से मांग की कि समसा द्वारा विभिन्न मद हेतु जारी राशि समय पर वितरित हो तथा शिक्षकों को गैर शिक्षिकीय कार्यो में व्यस्त करने की प्रवृति पर रोक लगे।

सभाध्यक्ष भेरुलाल वीरवाल ने संगठन मजबूती पर बल दिया। संरक्षक आनंद कुमार दीक्षित ने राज्य कार्यकारिणी द्वारा किए जा रह कार्यों की जानकारी प्रदान की। गोपाल लाल शर्मा ने प्रा./उप्रा/उमा विद्यालय में सहायक कर्मचारी लगाने, शंभू लाल सोमानी संगठन में सक्रिय सहयोग देने, अनुराधा आर्य ने कार्मिक के दायित्व बोध समझने, बादाम चौधरी ने संस्था प्रधान के लिए परीक्षा परिणाम मानदंड दायित्व की समीक्षा कर पुनर्निर्धारण करते हुए प्रधानाचार्य को परीक्षा परिणाम मानदंड से मुक्त किए जाने, भगवान लाल सुथार ने अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की समीक्षा करके अनावश्यक रूप से खुले हुए विद्यालयों को हिंदी माध्यम में परिवर्तित करने, अशरफ खाँ पठान ने संगठनात्मक गतिविधि सक्रिय भागीदारी, डॉ.कनकमल जैन ने जांच कार्य, रमेश अग्रवाल ने विद्यार्थी को केंद्र मानते हुए कार्य करने, संजय कोदली ने फिल्ड में आने वाली समस्याओं का समयबद्ध निस्तारण तथा चंद्रशेखर त्रिपाठी ने शैक्षिक गुणवत्ता पर अपने विचार व्यक्त किए। संचालन भगवान लाल सुथार ने किया जबकि सतीश शर्मा ने आभार व्यक्त किया।

Next Story