जिला चिकित्सालय निंबाहेड़ा में निर्धारित मापदण्डों को परे रख कर चल रहे हैं एंबुलेंस वाहन

जिला चिकित्सालय निंबाहेड़ा में निर्धारित मापदण्डों को परे रख कर चल रहे हैं एंबुलेंस वाहन
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निंबाहेड़ा। जिला चिकित्सालय में मरीजो के लिए आपातकालीन सुविधा हेतु संचालित एम्बुलेंसें निर्धारित मापदंडों को परे रखकर संचालित हो रही है।इसी के चलते कुछ एंबुलेंस वहनों में ऑक्सीजन सिलेंडर भी नहीं लगे हुए हैं साथ ही उन वाहनों का ना तो वाहन बीमा है ना ही फिटनेस जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज बने हुए हैं।

जबकि नियमानुसार एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर होना अनिवार्य है साथ ही यातायात विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों अनुसार वाहन के समस्त दस्तावेज पूरे होने चाहिए।इसी के साथ-साथ कुछ एंबुलेंस संचालकों द्वारा यातायात विभाग द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार राशि नहीं लेते हुए अपनी मनमर्जी के हिसाब से राशि वसूली जा रही है।

कुल मिलाकर एंबुलेंस संचालकों द्वारा की जा रही मनमर्जी पर ध्यान देने वाला जिला चिकित्सालय में कोई नहीं है।उल्लेखनीय है कि एंबुलेंस संचालकों की यह मनमर्जी जिला चिकित्सालय में एंबुलेंस यूनियन गठन के बाद शुरू हुई है।एम्बुलेंस संचालक यूनियन ने अपना रौब दिखाते हुए अपनी मनमर्जी से एंबुलेंस संचालन के नियम बना रखे हैं तथा अपनी मन मर्जी से ही एंबुलेंस संचालन के नियम बना रखे हैं जिसके चलते जिसका नंबर होता है वही एंबुलेंस वाहन पहले भेजा जाता है लेकिन नियमानुसार यह उचित नहीं है कोई भी व्यक्ति किसी भी एंबुलेंस वाहन को कभी भी ले जा सकता है।

जानकारी यह भी मिली है कि एक समाजसेवी संस्था द्वारा संचालित एम्बुलेंस निर्धारित राशि ली जाती है तो इसको लेकर भी यूनियन द्वारा उस पर अधिक राशि लेने का दबाव बनाया जाता है।एंबुलेंस संचालकों द्वारा इस प्रकार से की जा रही मनमर्जी पर जिला चिकित्सालय एवं प्रशासन को ध्यान देने की महत्ती आवश्यकता महसूस हो रही है क्योंकि जिला चिकित्सालय में बेचारे मरीजों के परिजनों को आए दिन एम्बुलेंस की व्यवस्था के लिए परेशान होते देखा जा सकता है।

उपरोक्त मामलों में मामले में एक जानकारी यह भी सामने आई है कि कुछ एंबुलेंस चालकों के निर्धारित पैमाने अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है फिर भी उनके द्वारा एम्बुलेंस चलाने का कार्य किया जा रहा है।

अब यहां सवाल लिया पैदा होता है कि यदि कोई दुर्घटना घट जाए तो ऐसी स्थिति में अधूरे दस्तावेजों व निर्धारित मापदंड अनुसार चालाक नहीं होने के कारण मरीजों के परिजनों को यदि किसी भी प्रकार का कोई नुकसान होता है तो उनकी क्षतिपूर्ति का जिम्मेदार कौन होगा??

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