मीरा महोत्सव का आज होगा समापन



चित्तौड़गढ़, । भक्त शिरोमणि मीराबाई की 525वीं जयंती के अवसर पर दुर्ग पर आयोजित मीरा महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को सांस्कृतिक समागम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मीराबाई के जीवन और साहित्य पर संगोष्ठी विद्वानों और कलाकारों ने अपना योगदान दिया। संगोष्ठी में सत्यनारायण समदानी, माधव हाड़ा और शिवसिंह सारंगदेवोत ने मीराबाई के जीवन, उनके भक्ति साहित्य और राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर पर विचार व्यक्त किए।

उन्होंने मीराबाई की भक्ति, उनके भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अटूट प्रेम और उनकी काव्य रचनाओं की पर चर्चा की। इस अवसर पर यह बताया गया कि किस प्रकार उन्होंने समाज में भक्ति आंदोलन और स्त्री सशक्तिकरण का संदेश दिया।

शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत, अनुज मिश्रा ने कथक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। उनके नृत्य ने दर्शकों को पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान रचनाओं का तालमेल और कथक के भावनात्मक उतार चढ़ाव ने कार्यक्रम को और भी रोचक बना दिया। इसके बाद दयाराम भांड और शेखर सेन ने मीराबाई के प्रसिद्ध भजनों की प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम का एक और आकर्षण था लता सिंह मुंशी का भरतनाट्यम प्रदर्शन। उन्होंने मीराबाई के प्रसिद्ध भजन ’मेरे तो गिरधर गोपाल...’ पर अद्भुत नृत्य प्रस्तुत किया। उनके लयबद्ध नृत्य ने मीराबाई के भक्ति भाव को अत्यंत और दर्शकों ने खूब सराहा। कार्यक्रम में जिला कलक्टर आलोक रंजन ने लता सिंह मुंशी और टीम का सम्मान किया।

कार्यक्रम में जिला कलक्टर आलोक रंजन, संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा, जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी, एडीएम (भु.अवा.) रामचंद्र खटीक, युआईटी सचिव कैलाश गुर्जर, उपखण्ड अधिकारी बीनू देवल सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहें।

मीरा पर संगोष्ठी और पेंटिंग की कार्यशाला

संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली द्वारा दुर्ग पर तीन दिवसीय मीरा महोत्सव के दूसरे दिन सुबह मीरा मंदिर में मीरा के जीवन पर संगोष्ठी व पेंटिंग कार्यशाला का आयोजन हुआ।

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