"अब पूरे होंगे अपने आशियाने के सपने"

अब पूरे होंगे अपने आशियाने के सपने
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चित्तौड़गढ़। राज्य सरकार द्वारा जनकल्याण की भावना से संचालित पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़ा केवल एक प्रशासनिक औपचारिकता नहीं, बल्कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक योजनाओं की प्रभावी पहुँच सुनिश्चित करने का एक सक्रिय और संवेदनशील प्रयास है। इसका जीवंत उदाहरण पंचायत समिति चित्तौड़गढ़ की ग्राम पंचायत पाल में 2 जुलाई को आयोजित शिविर में देखने को मिला, जहां श्यामलाल गुर्जर पुत्र नारायण गुर्जर जैसे आम नागरिक के वर्षों पुराने सपने ने साकार रूप लिया।

समस्या की पृष्ठभूमि

श्यामलाल गुर्जर एक सामान्य ग्रामीण नागरिक हैं, जिनकी जीविका पारंपरिक कृषि व श्रम पर आधारित है। उनका परिवार वर्षों से पैतृक घर में निवास करता आ रहा है, किंतु उक्त संपत्ति का वैधानिक स्वामित्व प्रमाण – यानी आवासीय पट्टा उपलब्ध नहीं था। यह अभाव उन्हें आधुनिक बैंकिंग सुविधाओं, विशेषकर गृह निर्माण हेतु ऋण प्राप्त करने से वंचित कर रहा था। भवन जीर्ण अवस्था में था और परिवार को मरम्मत या पुनर्निर्माण की तत्काल आवश्यकता थी, लेकिन बिना पट्टे के यह संभव नहीं था।

समाधान की प्रक्रिया

श्यामलाल ने तीन माह पूर्व पंचायतीराज विभाग के समक्ष आवासीय पट्टे हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था। प्रशासनिक तंत्र ने इस आवेदन को प्राथमिकता से संज्ञान में लिया और अन्त्योदय संबल पखवाड़ा शिविर के दौरान ही आवश्यक दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन एवं अनुमोदन कर त्वरित रूप से पट्टा प्रदान कर दिया। यह कार्य राजस्व विभाग, पंचायत विभाग तथा शिविर में उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों की समन्वित कार्यशैली का प्रमाण है।

परिवर्तन की शुरुआत

आवासीय पट्टा मिलने के साथ ही श्यामलाल का जीवन एक निर्णायक मोड़ पर आ गया। अब वे अपने मकान के पुनर्निर्माण हेतु बैंक से वैध रूप से ऋण प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनका परिवार न केवल सुरक्षित व गरिमामयी जीवन जी पाएगा, बल्कि आर्थिक रूप से भी सशक्त होगा। यह परिवर्तन न केवल श्यामलाल के लिए, बल्कि पूरे समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

श्यामलाल की प्रतिक्रिया

श्यामलाल ने अपने अनुभव साझा करते हुए भावुक होकर कहा "अब मुझे बैंक से लोन लेने में कोई परेशानी नहीं होगी। मेरे आशियाने का सपना अब पूरा हो सकेगा। मैं राजस्थान सरकार का तहेदिल से आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने आमजन की समस्याओं को प्राथमिकता देकर इस तरह की योजनाएं लागू की हैं।"

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