नगर परिषद का स्पष्ट पक्ष: सभी टेंडर पूर्ण पारदर्शिता व नियमों के तहत, कांग्रेस के आरोप निराधार

नगर परिषद का स्पष्ट पक्ष: सभी टेंडर पूर्ण पारदर्शिता व नियमों के तहत, कांग्रेस के आरोप निराधार
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निम्बाहेड़ा। निम्बाहेड़ा नगर परिषद ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार एवं नियम विरुद्ध टेंडर प्रक्रिया संबंधी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि नगर परिषद द्वारा जारी किए गए या किए जा रहे सभी टेंडरों में पूर्णतः पारदर्शीता बरती गई तथा उन्हें ई-निविदा प्रणाली के माध्यम से राज्य सरकार के नियमों के अनुसार जारी किए गए हैं तथा किसी भी प्रकार के 'मनमाने नियम" या "पक्षपात" की बात पूरी तरह तथ्यहीन है। नगर परिषद प्रशासन ने स्पष्ट कहा कि विपक्ष द्वारा आरोप राजनीतिक लाभ हेतु गढ़े गए हैं, जिनका कोई आधिकारिक आधार नहीं है।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी पदाधिकारियों ने भी कांग्रेस द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों का खण्डन करते हुए कहा कि भाजपा सरकार के शासनकाल में नगर सहित सम्पूर्ण विधानसभा क्षेत्र में करवाए जा रहे विकास कार्यों एवं उनकी गति को देख निकट भवीष्य में आने वाले निकाय एवं पंचायतिराज चुनावों में अपनी पराजय को भांप कर मात्र आमजन को गुमराह करने का प्रयास मात्र है।

डोर-टू-डोर कचारा संग्रहण एवं निस्तारण टेण्डर प्रकिया पर नगर परिषद ने रखा अपना पक्ष

नगर परिषद निम्बाहेड़ा आयुक्त कौशल कुमार खटूमरा ने बताया कि निम्बाहेड़ा नगरपालिका के नगर परिषद में कमोन्नत होने के साथ ही क्षेत्र में विकास कार्यों ने गति पकड़ी है, इसके लिए पूर्व स्वायत्त शासन मंत्री एवं विधायक चंद कृपलानी के निर्देशन में सम्पूर्ण नगर परिषद क्षेत्र में विभिन्न कार्यों के लिए पूर्ण पारदर्शीता के साथ टेण्डर प्रक्रिया अपनाकर कार्यों को सम्पन्न करवाया जा रहा है। उन्होने बताया कि नगर परिषद ने पुरानी ऑफ लाईन पद्धती के स्थान पर ऑन लाईन प्रकिया को अपनाकर सभी निविदाएं राजस्थान सरकार के आरटीटीपीपी एक्ट के अनुसार e-procurement प्रणाली के माध्यम से जारी किए जा रहे हैं, जिसमें नियम बदलने या किसी को लाभ पहुंचाने की कोई गुंजाइश ही नहीं होती। इस प्रणाली में सम्पूर्ण राजस्थान में कहीं से भी सक्षम ठेकेदार भाग ले सकता है।

कांग्रेस जिन टेण्डरों में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का हवाला देकर आमजन को गुमराह करने का असंभव प्रयास कर रही है उनके सम्बंध में आयुक्त ने कहा कि नगर परिषद द्वारा प्रत्येक टेंडर तकनीकी समिति, वित्त समिति और संबंधित अधीक्षण अभियंता की अनुमोदन प्रक्रिया से होकर गुजरने के पश्चात ही निविदाएँ जारी की गई है। खटूमरा ने बताया कि कांग्रेस जिस 3.20 करोड़ रूपये के लेबर सप्लाई टेण्डर में भ्रष्टाचार की बात कह रही है, ऐसा कोई टेण्डर नगर परिषद द्वारा आंमत्रित ही नही किया गया है, इसके उलट नगर परिषद ने कुशल एवं अकुशल कार्मिकों की आपूर्ति के लिए (ARC) पद्धति से 49 लाख रूपये का टेण्डर आमंत्रित किया था, जिसमें भाग लेने वाले सफल संवेदक को इस कार्य के लिए कार्यादेश जारी किया गया।

इसी प्रकार कांग्रेस ने नगर परिषद क्षेत्र में डोर-टू-डोर सफाई संग्रहण करने के लिए आंमत्रित किए गए 5.22 करोड़ रूपये के टेण्डर प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाते हुए आरोप लगाया कि इस टेण्डर को बिना किसी बड़े सक्षम अधिकारी की स्वीकृति से नियम विरूद्ध जाकर जारी किया है, जबकि वास्तविकता इसके विपरित है। नगर परिषद से प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस पदाधिकारियों ने बिना कोई दस्तावेज देखे अतिउत्साह में आरोप लगा दिए, जो मिथ्या एवं भ्रामक है। नगर परिषद अधिकारियों ने बताया कि 5.22 करोड़ रुपये का डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण टेंडर प्रारंभिक स्तर पर स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत जारी गाईडलाईन के आधार पर तैयार किया गया था, जिसकी तकनीकी स्वीकृति उच्च स्तर पर डीएलबी के अधिकारियों के द्वारा गहन जांच के पश्चात मुख्य अभियंता के द्वारा जारी हुई, जिसके पश्चात इसे टेण्डर प्रक्रिया में लिया गया तथा वर्तमान में यह प्रक्रियाधिन है, इसमें तीन संवेदकों हरिओम टेडर्स, नगेन्द्र राय एवं सजून सेवा संस्थान ने भाग लिया है।

इस टेण्डर की राशि को लेकर कांग्रेस पदाधिकारियों द्वारा फैलाई जा रही भ्रामक बातों के सम्बंध में नगर परिषद अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में कांग्रेस शासित बोर्ड के समय नगरपालिका क्षेत्र में कथित 1.50 करोड़ के टेण्डर से असक्षम फर्म के माध्यम से सिमित संसाधनों के साथ सफाई कार्य करवाया जा रहा था, जिसकों सम्पूर्ण नगरवासियों ने देखा है। वहीं अब नगरपरिषद बनने के पश्चात क्षेत्र में चरमराई हुई सफाई व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से यह टेण्डर आमंत्रित किया गया है। इस टेण्डर के माध्यम से नगर के विभिन्न भागों से ठोस कचरे को अलग-अलग (गीला और सूखा अलग-अलग) करके घर-घर से एकत्र करना और एकत्रित गीले और सूखे ठोस कचरे को नगरपरिषद सीमा से 15 किमी तक संबंधित प्रसंस्करण स्थल तक अलग-अलग परिवहन करना, साथ ही IoT आधारित हार्डवेयर एकीकरण के माध्यम से वास्तविक समय में कचरा संग्रह की प्रगति की निगरानी करना, जिसमें तय किए गए मार्ग का प्रतिशत शामिल है के अलावा, अनुबंध अवधि के दौरान प्रभारी अभियंता के निर्देशानुसार, नागरिकों के लिए मोबाइल एप्लिकेशन और प्राधिकरण के लिए वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन सहित एक केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष की स्थापना करना, जिसमें ईंधन शुल्क, कर्मचारियों (चालक और सहायक) का पारिश्रमिक, प्रत्येक वाहन का रख-रखाव खर्च आदि शामिल किया गया है. इस प्रक्रिया में उपयोग में लेने वाले वाहनों को रियायतकर्ता द्वारा ही उपलब्ध कराए जाएंगे। इस सम्पूर्ण प्रक्रिया के माध्यम से कचरा संग्रहण एवं निस्तारण में होने वाले व्यय को एसओआर रेट पर निर्धारित कर प्रस्ताव राज्य सरकार के डीएलबी विभाग को भेजा गया था।

मुर्तियां लगाने एवं उद्यान सौन्दर्गीकरण कार्य पर परिषद ने रखा अपना पक्ष

के कांग्रेस पदाधिकारियों के नगर परिषद निम्बाहेड़ा द्वारा पार्को एवं चौराहों के सौंदर्गीकरण के नाम से जारी टेंडरों में अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के साथ ही चौराहों पर भाजपा नेताओं की अष्टधातु मूर्तियां स्थापित कर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाया है, वह भी निराधार एवं मिथ्या है। आयुक्त ने बताया कि वर्तमान में नगर परिषद निम्बाहेड़ा में निर्वाचित बोर्ड का कार्यकाल पूर्ण होने के पश्चात राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 45 (य) सपठित धारा 46 (पपप) के अन्तर्गत मण्डल को प्रदत्त कार्यों, शक्तियों के अनुसार निर्वाचित मण्डल के स्थान पर प्रशासक नियुक्त किए गए हैं, जिन्हें नगर एवं आम जनहित में कार्य करने का अधिकार प्राप्त है। इसी का उपयोग करते हुए नगर परिषद प्रशासन द्वारा नगर के विभिन्न उद्यानों एवं चौराहों का जिर्णोद्धार एवं नविनिकरण का कार्य कर आने वाली पीढी को देश के महापुरूषों की जीवनियों से अवगत कराने तथा उनसे प्रेरणा लेने के उद्देश्य से महापुरूषों की मुर्तियां लगाई जा रही है। आयुक्त ने बताया कि कांग्रेस पदाधिकारियों द्वारा लगाया गया यह आरोप निराधार है कि नगर के पार्कों एवं चौराहों पर भाजपा नेताओं की मुर्तियां लगाई जा रही है। उन्होने बताया कि नगर में पूर्व में बने पार्कों एवं चौराहों पर राणा पुंजा, महात्मा ज्योतिबा फूले, स्वामी विवेकानन्द, मां पन्नाधाय, कृष्णभक्त मीरा बाई, विश्वकर्मा स्वरूप धरणीधर भगवान, भारत माता, शहीद हेमू कालानी, भगवान परशुराम का फरसा तथा भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा स्थापित करना प्रस्तावित है।

इसके साथ ही नगर परिषद द्वारा पूर्व में स्थापित श्री जयमल फत्ता एवं देवी अहिल्या बाई की मुर्तियों के वजन एवं भुगतान में अंतर के आरोपों पर आयुक्त ने बताया कि मूर्तियों का निर्माण पदमश्री प्राप्त संवेदक के द्वारा तय मानक और सरकारी दरों पर कराया गया है। प्रत्येक मूर्ति का तौल, बिल, परीक्षण रिपोर्ट और जी शेड्यूल रिकॉर्ड में उपलब्ध है, जिसे सक्षम तकनीकी अधिकारी द्वारा प्रमाणीत होने के पश्चात स्थापित किया गया है, बिना प्रमाण के वजन में अंतर बताना 'पूर्णतः काल्पनिक और भ्रामक है।

आयुक्त ने बताया कि इन कार्यों के लिए कांग्रेस ने नगर परिषद पर एकल निविदा आमंत्रित कर संवेदक फर्म को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है, वह पूरी तरह मिथ्या एवं निराधार है। उन्होने बताया कि सभी निविदाएँ नियमानुसार सक्षम तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करते हुए समस्त उपापन बोली दस्तावेजों को सक्षम बोलीदाता आमंत्रण अधिकारी से अनुमोदित होते हुए राज्य सरकार की e-proc पर जारी की गई है। इसमें कोई भी सक्षम संवेदक भाग ले सकता है, जिसे नगरपरिषद द्वारा रोका नहीं गया, बावजूद इसके एकमात्र संवेदक के भाग लेने पर उसकी प्रतिस्पर्धी दरों पर टेण्डर दिया गया।

आयुक्त ने बताया कि जहां तक एकल निविदा स्वीकार करना या अस्वीकार करने का मामला है उसके लिए राजस्थान सरकार के आरटीटीपीपी एक्ट 2012 एवं 2013 की धारा 68 बोली आमंत्रण अधिकारी को नियमानुसार कार्यवाही अपने स्तर पर करने का अधिकारी देती है। इस कार्य को करने वाली फर्म ने पूर्ववती सरकार के समय पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व केबिनेट मंत्री सहित कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों के गृह क्षेत्र जैसे नाथद्वारा, कोटा, झालावाड़ के साथ ही राज्य के विभिन्न शहरों में कल्चर, हेरिटेज एवं सौन्दर्गीकरण कार्य अनुभव के साथ सम्पादित किया था।

एकल निविदा के सम्बंध में यहां उल्लेखनीय है कि पूर्व बोर्ड के कार्यकाल में जिला चिकित्सालय निम्बाहेड़ा के निर्माण के लिए जारी टेण्डर में एकल निविदा प्राप्त होने पर करीब 50 करोड़ की राशि का कार्य संवेदक को दिया गया था, जो वर्तमान में भी अधूरा है तथा इसके कार्य की गुणवत्ता को मौके पर जाकर देखा जा सकता है।

जीकेएम एवं अंकिता कंस्ट्रक्शन फर्म को भुगतान करने का अरोप निराधार

वर्तमान में नगर परिषद नगर परिषद द्वारा करवाए जा रहे पार्कों एवं चौराहों के नविनिकरण एवं मुर्तियों के लगाने के कार्य प्रगति पर है, जिनका संबंधित फर्म को पूर्ण भुगतान करने का आरोप मिथ्या है। आयुक्त ने बताया कि वर्तमान में इस फर्म को जो 1.70 करोड़ का भुगतान किया गया है वह नगर के अटल नगर पार्क के पास चारदिवारी, वण्डर टाउन हॉल के सामने पार्क की चार दिवारी, ट्रंचिंग ग्राउण्ड के समीप उद्यान निर्माण कार्य, परशुराम सर्कल, स्वामी विवेकानन्द सर्कल, शहिद हेमू कालानी सर्कल आदि सहित नगरीय क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर प्रगतिरत कार्यों का भुगतान है नाकि अधुरे कार्यों का पूर्ण भुगतान है।

इसके साथ ही अंकिता कंस्ट्रक्शन को नगर में पेच वर्क करने का 1.50 करोड़ का टेण्डर दिया गया था, जिस पर संवेदक द्वारा आमलिया बावजी रोड़ से आरके कॉलोनी चौरहा, कल्याण चौक से लेबर चौराहा तक, लेबर चौराहे से द प्लाजा दुकान तक, द प्लाजा दुकान से एमआई मोबाईल तक, एलआईसी ऑफिस गली, नेहरू पार्क के पीछे गली, कोर्ट के पीछे वाली गली, विश्नोई डेन्टल से जैन स्ट्रीट तक, आवरीमाता मन्दिर गली, पुलिस चौकी से हनुमान मन्दिर तक, आरएससीआईटी कम्प्युटर वाली गली, आलोक स्कूल रोड, आदर्श कॉलोनी (मीरा पार्क गली), बस स्टेण्ड से नीमच रोड तक, मण्डी चौरहा से छोटीसादड़ी रोड़, कच्ची बस्ती सर्कल से इण्डस्ट्रीज एरीया तक ओम विहार की विभिन्न गलियां, कौशल्या नगर, इण्डिया गेट के बीटी पेच मरम्मत कार्य के साथ ही उदय रेजिडेंसी, ओम विहार, प्रेरणा विहार, पार्श्वनाथ कॉलोनी, आदेश नगर, कॉलेज रोड़ एवं बस स्टेण्ड में पेच मरम्मत कार्य शामिल है का भुगतान किया गया है।

विपक्ष विकास कार्यों की रफ्तार से बौखलाकर फैला रहा है अफवाहें– भाजपा

भारतीय जनता पार्टी, निंबाहेड़ा मंडल ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को बिना तथ्यों वाला, राजनीतिक बौखलाहट में किया गया प्रचार बताया। कांग्रेस के भाजपा पर लगाए गए आरोपों का खण्डन करते हुए पूर्व विधायक अशोक नवलखा ने कहा कि भाजपा की वर्तमान सरकार और नगर परिषद दोनों मिलकर जनसेवा और विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कार्य कर रहे हैं। निम्बाहेड़ा नगर सहित सम्पूर्ण विधानसभा क्षेत्र में पूर्व स्वायत्त शासन मंत्री एवं विधायक श्रीचंद कृपलानी के नेतृत्व में हो रहे सड़क डामरीकरण, सफाई व्यवस्था, पार्क विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों की तेज गति से विपक्ष असहज है, इसी कारण वह तथ्यहीन आरोपों का सहारा ले रहा है। उन्होने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में नगर परिषद अव्यवस्था और अनियमितताओं का अड्डा बना चुकी थी, इसलिए आज भाजपा राज आने के बाद जिस प्रकार पारदर्शी व्यवस्था के साथ जनहितों के कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है, कांग्रेस उसे पचा नहीं पा रही है।

पूर्व भाजपा नगर मण्डल अध्यक्ष नितिन चतुर्वेदी ने बताया कि कांग्रेस के कार्यकाल में जिस प्रकार जनता के गाढ़े पसीने की कमाई को भ्रष्टाचार रूपी नदी में व्यर्थ बहाया गया, ठिक इसके विपरित भाजपा सरकार और नगर परिषद जनता के टैक्स के पैसे का ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ उपयोग कर रही है और आगे भी ऐसा ही करेगी। उन्होने कहा कि कांग्रेस बोर्ड ने अपने कार्य को भांपते हुए अंतिम समय में भ्रष्टाचार की चरम सीमा को लांघने में कोई कसर नहीं छोडी। कांग्रेस ने वसुंधरा विहार, ट्रांसपोर्ट नगर सहित विभिन्न स्थानों में भूखण्ड निलामी में भारी भ्रष्टाचार किया, जिसकी उच्च स्तरीय जांच की जा रही है। इसके साथ ही नगर पलिका कार्यकाल के दौरान कांग्रेस द्वारा वण्डर चौराहा से जेके तीराहे तक कथित तौर पर एक नाला बनवाया गया, जो आज तक अधूरा है लेकिन उसके नाम पर करीब 2 करोड़ की राशि उठा ली गई, वसुंधरा विहार में अपने चहेतो को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से करीब पांच करोड़ की लागत से जीएसएस बनवा दिया गया, जिसकी फिलहाल जरूरत नहीं थी। इसी प्रकार वसुंधरा विहार में ही करीब 1.5 करोड़ की लागत से जुरासिक पार्क का निर्माण करवाया गया, जो अभी तक अधूरा है तथा उसके नाम पर करीब 88 लाख रूपये का भुगतान उठवा लिया गया, वहीं नगर क्षेत्र में विभिन्न नालों तथा सीवरेज के हॉल पर ढक्कन लगाने के नाम पर करीब पांच करोड़ का भुगतान उठाकर भ्रष्टाचार का खुला खेल गया, जिसे नगरवासियों ने भी देखा है।

भाजपा नगर मण्डल अध्यक्ष कपिल चौधरी ने कहा कि कांग्रेस मुर्तियों के नाम पर राजनीति कर नगरवासियों को गुमराह मात्र कर रही है, कांग्रेस के शासनकाल में करीब 40 लाख रूपये से अधिक की कल्याण चौक पर फाइबर की मुर्ति लगाई गई थी, जो हल्के हवा के झोंके के साथ ही टूटकर बिखर गई थी क्या उसमें भ्रष्टाचार नहीं हुआ था? नगर अध्यक्ष चौधरी ने कहा कि कांग्रेस के द्वारा लगाई गई मुर्तियों के ठीक उलट नगर के कल्याण चौक श्रीजयमल फत्ता तथा कृषि उपज मंडी में देवी अहिल्या बाई की मुर्तियां लगाई गई है, जो अष्टधातु से निर्मित होकर उच्च गुणवतता की है। सफाई व्यवस्था के नाम पर कांग्रेस वर्तमान भाजपा सरकार एवं नगर परिषद पर जो मिथ्या आरोप लगा रही है, वहीं कांग्रेस के बोर्ड में सफाई व्यवस्था के नाम करीब 4 करोड़ रूपये खर्च किए थे, बावजूद इसके नगर की सफाई व्यवस्था की स्थिति किसी भी नगरवासी से छिपी हुई नहीं है।

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