भिक्षावृत्ति एवं कचरा बीनने से जुड़े 15 बच्चों का रेस्क्यू – बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर पुनर्वास की दिशा में उठाया गया कदम

भिक्षावृत्ति एवं कचरा बीनने से जुड़े 15 बच्चों का रेस्क्यू – बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर पुनर्वास की दिशा में उठाया गया कदम
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चित्तौड़गढ़। बाल अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित "बाल कल्याण योजना वर्ष 2025-26" के अंतर्गत मंगलवार ओर शनिवार को कमंडल मे शनि महाराज एवं हनुमान जी की मूर्ति लेकर भिक्षा मांगने वाले एवं कूड़ा बिनने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ने एवं उनके पुनर्वास के उद्देश्य से शनिवार को चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर संयुक्त रेस्क्यू अभियान चलाया गया। इस अभियान में जिला पुलिस, मानव तस्करी विरोधी यूनिट, सदर थाना, कोतवाली थाना तथा चाइल्ड हेल्पलाइन चित्तौड़गढ़ की टीम ने मिलकर कुल 15 नाबालिग बच्चों (6 बालिकाएं व 9 बालक) का रेस्क्यू किया।

रेस्क्यू किए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति चित्तौड़गढ़ की माननीय अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल तथा सदस्यगण शिवदयाल सिंह लाखावत, सीमा भारती गोस्वामी एवं नीता लोठ के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति के निर्देशानुसार बालकों को राजकीय किशोर गृह एवं बालिकाओं को सखी वन स्टॉप सेंटर में अस्थायी आश्रय प्रदान किया गया।

पुनर्वास की दिशा में सुदृढ़ पहल करते हुए शिक्षा विभाग द्वारा सभी बच्चों को औपचारिक शिक्षा से जोड़ने की प्रक्रिया आरंभ की गई है।

बाल अधिकारिता विभाग द्वारा पात्र बच्चों को बाल कल्याण समिति की अभिशंषा अनुसार स्पॉन्सरशिप योजना में शामिल किया जाएगा ताकि उन्हें दोबारा भिक्षावृत्ति या श्रम की प्रवृत्तियों की ओर न लौटना पड़े।

रेस्क्यू अभियान में सदर थाना, चित्तौड़गढ़ के एएसआई हीरालाल, कांस्टेबल विनोद कुमार, महिला कांस्टेबल रितु, मानव तस्करी विरोधी यूनिट से नटवरलाल पटवा, एचसी पुखराज सिंह, निर्मल वैष्णव, सुशीला कंवर (MFC), शिक्षा विभाग से लोकेश सोनी, चाइल्ड हेल्पलाइन, चित्तौड़गढ़ से जिला समन्वयक नवीन किशोर काकड़दा, काउंसलर करण जीनवाल, सुपरवाइज़र राहुल सिंह सोलंकी, सरिता मीणा, नानूराम जाट ने सक्रिय सहभागिता निभाई।

यह अभियान न सिर्फ बच्चों को सुरक्षा व संरक्षण प्रदान करने की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि उनके बेहतर भविष्य हेतु शिक्षा और पुनर्वास का माध्यम बनकर बाल अधिकारों की रक्षा का महत्वपूर्ण उदाहरण भी है।

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