सहारा इण्डिया के विरूद्व 2.20 लाख रूपये का अवार्ड पारित


चित्तौडगढ

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग चित्तौडगढ द्वारा एफडी की राशि परिपक्व हो जाने के बाद परिवादी को परिपक्व राशि नही देने के मामले में सहारा इण्डिया के विरूद्व 2.36 लाख रूपये का अवार्ड पारित किया गया। चित्तौडगढ भोईखेडा निवासी परिवादी रतनलाल भोई पिता भैरूलाल भोई ने अपने अधिवक्ता योगेश काबरा प्रतापनगर, लोकेश मीणा, चमनलाल मीणा चित्तौडगढ के मार्फत एक परिवाद सहारा इण्डिया के विरूद्व जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग चित्तौडगढ में प्रस्तुत कर निवेदन किया कि मुझ परिवादी ने अपने एजेन्ट के मार्फत वर्ष 2015 में एक एफडी 1,00,000/-रू. 6 वर्ष हेतु सहारा इण्डिया में करायी। उक्त एफडी की परिपक्वता राषि 2,00,000/-रू. प्राप्त होनी थी तथा राशि 16,000/-रू. की एफडी 24 माह के लिए जमा कराए जिसकी परिपक्वता राशि 36,673/-रू. प्राप्त होनी थी जो सहारा इण्डिया द्वारा परिवादी को नही दी गयी। जिस पर परिवादी जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग चित्तौडगढ के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया। अधिवक्ता योगेश काबरा द्वारा अपने तर्क प्रस्तुत करने से संतुष्ट होकर आयोग द्वारा प्रकरण की सुनवाई के बाद विपक्षी सहारा इण्डिया का सेवादोष मानते हुए आयोग के अध्यक्ष श्री प्रभुलाल आमेटा एवं सदस्यगण राजेश्वरी मीणा एवं अरविन्द कुमार भट्ट द्वारा विपक्षीगण के विरूद्व 2,20,070/-रू. एफडी की भुगतान दिनांक से चैक जमा कराये जाने की दिनांक तक 6 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से परिवादी को भुगAतान करने का आदेश प्रदान किया। इसके अतिरिक्त परिवादी को परिवाद व्यय-अधिवक्ता व्यय एवं मानसिक संताप के 2500-2500 रूपये दिलाये जाने का आदेष प्रदान किया।

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