सहारा इण्डिया के विरूद्व 4 लाख 3 हजार 829 रूपये मय ब्याज का अवार्ड पारित
चित्तौडगढ । जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग चित्तौडगढ द्वारा एफडी की राशि परिपक्व हो जाने के बाद परिवादी को परिपक्व राशि नही देने के मामले में सहारा इण्डिया के विरूद्व 4,03,829 रूपये का मय ब्याज अवार्ड पारित किया गया। चित्तौडगढ के परिवादी ने अपने अधिवक्ता योगेश काबरा प्रतापनगर, लोकेश मीणा, चमनलाल मीणा चित्तौडगढ के मार्फत एक परिवाद सहारा इण्डिया के विरूद्व जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग चित्तौडगढ में प्रस्तुत कर निवेदन किया कि मुझ परिवादी ने अपने एजेन्ट के मार्फत सूपर बी.बी योजना के तहत एफ.डी में 36 माह के लिए दिनांक 23.02.2016 को सर्टिफिकेट संख्या 875000448865 के जरिए 53,829/-रुपये व सर्टिफिकेट संख्या 875000448867, 875000448868, 875000448869, 875000448870, 875000448871, 875000448872, 875000448873 के जरिए 50,000-50,000/-रुपये सहारा इण्डिया में जमा कराये। परिपक्वता अवधि पूर्ण होने पर विपक्षीगण से की ता े भुगतान नही ं किया और टालमटूली की। एफडी परिपक्वता राशि जो सहारा इण्डिया द्वारा परिवादी को नही दी गयी। जिस पर परिवादी जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग चित्तौडगढ के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया। अधिवक्ता योगेश काबरा द्वारा अपने तर्क प्रस्तुत करने से संतुष्ट होकर आयोग द्वारा प्रकरण की सुनवाई के बाद विपक्षी सहारा इण्डिया का सेवादोष मानते हुए आयोग के अध्यक्ष श्री प्रभुलाल आमेटा एवं सदस्यगण राजेश्वरी मीणा एवं अरविन्द कुमार भट्ट द्वारा विपक्षीगण के विरूद्व 4,03,829/-रू. मय ब्याज एवं उन पर चैक जमा कराये जाने की दिनांक तक 6 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से परिवादी को भुगतान करने का आदेश प्रदान किया। इसके अतिरिक्त परिवादी को परिवाद व्यय-अधिवक्ता व्यय एवं मानसिक संताप के 2500-2500-2500 रूपये दिलाये जाने का आदेष प्रदान किया।