एसीबी की भूमि का शक के मामले में संदेह के घेरे में: भदेसर उप निरीक्षक, कानि व दलाल ट्रेप

भदेसर उप निरीक्षक, कानि व दलाल ट्रेप
X
उप निरीक्षक के सवाल पर पहले किया इंकार, फिर बताया गिरफ्तार

चित्तौड़गढ़। ए.सी.बी. मुख्यालय के निर्देश पर ए.सी.बी. की चित्तौड़गढ़ इकाई द्वारा मंगलवार को कार्यवाही करते हुये भदेसर उ नि रविन्द्र सेन, थानाधिकारी, कानि सुरेश, दलाल कैलाश को परिवादी से 15 हजार रुपये रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि ए.सी बी. की इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किये गये उसके मित्र से मारपीट नहीं करने एवं जल्दी मजिस्ट्रेट के पेश करने की एवज में आरोपी थानाधिकारी रविन्द्र सेन, कानि सुरेश, द्वारा 15 हजार रूपये रिश्वत राशि की मांग कर परेशान किया जा रहा है। जिस पर एसीबी उदयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस राजेन्द्र प्रसाद गोयल के सुपरवीजन में एसीबी चित्तौड़ इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश सांदू के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन कर उनके द्वारा मय टीम के ट्रेेप कार्यवाही करते हुए उक्त आरोपियों को परिवादी से 15 हजार रूपये की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। एसीबी उदयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस राजेन्द्र प्रसाद गोयल के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ तथा कार्यवाही जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा।





उप निरीक्षक के सवाल पर पहले किया इंकार, फिर बताया गिरफ्तार

एसीबी की कार्यवाही के बाद अति पुलिस अधीक्षक कैलाश सांदू से जब उप निरीक्षक भदेसर की भूमिका के बारे मंे पूछा गया तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भदेसर में एसीबी की कार्यवाही के दौरान उप निरीक्षक रविंद्र सेन, कानि सुरेश व दलाल कैलाश तेली को टीम ने गाड़ी में बिठाया था, जिसके बाद जिला मुख्यालय पहुचने पर उप निरीक्षक सैन नहीं दिखाई दिये। तभी से यह बात मिडिया मंे चर्चा का विषय बनी हुई थी। इधर सोशल मिडिया व सूत्रों से मिली जानकारी में यह भी सामने आया कि उप निरीक्षक के आवास व कार्यालय मंे दबिश के दौरान बड़ी रकम भी मिली थी, लेकिन इस सब के बीच जब अति पुलिस अधीक्षक सांदू द्वारा मिडिया को दिये गये समय पर कार्यालय पहुंचे, तब मिडिया द्वारा उप निरीक्षक की भूमिका के सवाल पर उन्होंने साफ इंकार कर दिया। लेकिन कुछ घंटो बाद ही एसीबी कार्यालय से जारी प्रेस नोट में उप निरीक्षक सैन को भी आरोपी मानते हुए उनकी गिरफ्तारी बताई। अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार भदेसर व चित्तौड़ के बीच उप निरीक्षक सैन गायब हो गया, लेकिन मिडिया द्वारा पूछे गये सवालों के बाद उसे गिरफ्तार कैसे कर लिया गया।

Tags

Next Story