मेवाड़ का जुड़ाव हमेशा ही स्थानीय जनता से रहा - डॉ. मेवाड़

मेवाड़ का जुड़ाव हमेशा ही स्थानीय जनता से रहा - डॉ. मेवाड़
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चित्तौड़गढ़ । मेवाड़ की पहचान हमेशा से ही स्वाभिमान रही है। घमण्ड व गुरूर हमारी पहचान नही है। मेवाड़ का स्थानीय लोगों एवं संस्कृति व विरासत से रहा है। हमारी भावी पीढ़ी को हमारी संस्कृति एवं विरासत से जोड़े रखना हमारी जिम्मेदारी बनती है। यह बात षुक्रवार को अल्प प्रवास पर दुर्ग स्थित माता के दरबार में पहुंचे मेवाड़ राजघराने के सदस्य डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने कही।

डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मेवाड़ की ओर से सभी देशवासियों को नवरात्रि एवं विजयदशमी की षुभकामनायें देते हुए कहा कि भावी पीढ़ी का हमारी संस्कृति एवं विरासत से जुड़ाव बनाये रखना हम सब की जिम्मेदारी है। संस्कार बड़े बुजुगों से ही मिलते है। भावी पीढ़ी माता पिता को देखकर ही सिखती है। उन्होने कहा कि हमारा कर्तव्य है कि हम हमारे पुरखों के नक्शे कदम पर चले साथ ही हमारी जिम्मेदारी भी बनती है कि आने वाली पीढ़ी को सही दिशा दिखाये तथा सही दशा की ओर ले जाये। उन्होने कहा कि मेवाड़ का स्थानीय जनता से हमेशा से ही लगाव रहा है। हमारे पुरखों ने भी हमेशा ही स्वाभिमान को ही पहचान बनाया है।

राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ हनुमंतसिंह बोहेड़ा एवं भानुप्रतापसिंह नाहरगढ़ के साथ षुक्रवार सुबह करीब 10 बजें दुर्ग स्थित बायण माता के दरबार में पहुंचे तथा बायण माता के श्रीचरणों में बैठकर करीब 15 मिनिट तक देश व प्रदेशवासियों की खुशहाली की प्रार्थना की। यहां पुजारी परिवार की ओर से पूजा अर्चना करवाई गई। राजपरिवार की ओर से माता जी को छप्पन भोग अर्पित किया गया। डॉ. मेवाड़ माँ अन्नपूर्णा के दरबार में भी पूजा अर्चना की। डॉं. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ बायण माता मंदिर परिसर में चल रही भोजनशाला में भी पहुंचे तथा समिति द्वारा किये जा रहे इस पुनित कार्य की प्रशंसा की। मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ दुर्ग स्थित कालिका माता के दरबार में भी पहुंचे तथा दर्शन कर देशवासियों की खुशहाली की कामना की। डॉ. मेवाड़ ने अश्टमी के मौके पर यहां आयोजित हवन में भी भाग लिया। डॉ. मेवाड़ करीब आधा घण्टा तक माता के दरबार में रूके तथा बाद में उपस्थित श्रद्धालुओं को दुर्गाश्टमी, रामनवमी एवं विजयदशमी की शुभकामनाएं दी।

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