चित्तौड़गढ़ को बाल विवाह मुक्त बनाने हेतु सभी विभागों का समन्वित प्रयास आवश्यक – जिला कलक्टर

चित्तौड़गढ़। जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के उद्देश्य से सभी विभागीय कार्मिकों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को पूर्ण समन्वय के साथ सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश जिला कलक्टर आलोक रंजन ने दिए हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, दिल्ली द्वारा संचालित ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ के 100 दिवसीय विशेष जनजागरूकता अभियान के तहत बाल अधिकारिता विभाग द्वारा तैयार किए गए बाल विवाह निषेध जागरूकता पोस्टर का विमोचन करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि अभियान को सफल बनाने हेतु प्रत्येक व्यक्ति की सहभागिता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
जिला कलक्टर ने महिला अधिकारिता विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन, उच्च शिक्षण संस्थान तथा स्वयंसेवी संस्थाओं को निर्देशित किया कि वे जनप्रतिनिधियों के सहयोग से गांव-गांव एवं ढाणी-ढाणी तक पहुंचकर आमजन को बाल विवाह के दुष्परिणामों व विधिक प्रावधानों से अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि व्यापक जागरूकता ही बाल विवाह के विरुद्ध प्रभावी जनचेतना का मार्ग प्रशस्त करेगी।
कलक्टर ने जिले की सभी शिक्षण संस्थाओं में बाल विवाह निषेध पोस्टर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए ताकि प्रत्येक गांव तक बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।
कार्यक्रम के दौरान कोषाधिकारी दिग्विजय सिंह झाला, सहायक निदेशक ओम प्रकाश तोषनीवाल, अधीक्षक राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह चन्द्र प्रकाश जीनगर, चाइल्ड हेल्पलाइन समन्वयक नवीन काकड़दा, काउंसलर करण जीनवाल, शंकर लाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
