निःशुल्क नेत्र सेवा का महाआयोजन 25 दिसम्बर को पेच एरिया परिसर निंबाहेड़ा में होगा आयोजित

निःशुल्क नेत्र सेवा का महाआयोजन 25 दिसम्बर को पेच एरिया परिसर निंबाहेड़ा में होगा आयोजित
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निंबाहेड़ा, समाजसेवा, मानव सेवा और जनकल्याण की प्रेरणादायक भावना को समर्पित हरीश आंजना एजुकेशन सोसायटी द्वारा इस वर्ष दसवाँ विशाल निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर आयोजित किया जा रहा है। शिविर का आयोजन दिनांक 25 दिसंबर, गुरुवार को डाक बंगला रोड स्थित पेच एरिया परिसर, निंबाहेड़ा में किया जाएगा।

पुण्य स्मृति में सेवा का संकल्प,यह सेवा शिविर राजस्थान सरकार के पूर्व सहकारिता मंत्री एवं सोसायटी के मुख्य ट्रस्टी उदयलाल आंजना के सुपुत्र तथा छोटीसादड़ी पंचायत समिति के पूर्व प्रधान मनोहरलाल आंजना के भतीजे स्व. हरीश आंजना, मातृ स्व. गोपीबाई आंजना एवं पिता स्व. भेरूलाल आंजना की पुण्य स्मृति में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। उनकी प्रेरणा एवं समाजहित के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए सोसायटी लगातार जन-सेवा के कार्यों से जुड़ी हुई है।

वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम करेगी सेवाएं,शिविर में भ्रमणशील शल्य चिकित्सा इकाई, राजस्थान सरकार (जयपुर) के अनुभवी वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञों की सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। शिविर का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उन मरीजों तक नेत्र चिकित्सा की पहुंच सुनिश्चित करना है, जो बेहतर इलाज से वंचित रह जाते हैं।

सभी सुविधाएं पूर्णतः निःशुल्क,शिविर में आने वाले नेत्र रोगियों के लिए निम्न व्यवस्थाएं सोसायटी द्वारा पूर्णतः निःशुल्क होंगी,नेत्र रोगों की जांच एवं परामर्श,भर्ती मरीजों के लिए ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था,दवाई एवं चश्मे,मोतियाबिंद ऑपरेशन,आवश्यकतानुसार उच्च गुणवत्ता वाले लेंस प्रत्यारोपण,शिविर में किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।

25 व 26 दिसंबर को पंजीयन, जांच व ऑपरेशन,नेत्र रोग से जुड़े मरीजों के पंजीयन, परीक्षण तथा भर्ती उपरांत ऑपरेशन की प्रक्रिया 25 और 26 दिसंबर को संचालित की जाएगी। सोसायटी ने शहर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत सभी नेत्र रोगियों से आग्रह किया है कि अधिकाधिक संख्या में शिविर का लाभ उठाएं।

मरीजों से विशेष आग्रह

शिविर में पहुंचने वाले सभी मरीज अपने साथ आधार कार्ड अवश्य लेकर आएं, जिससे पंजीयन प्रक्रिया सरल और सुगम हो सके।

यह शिविर केवल चिकित्सा सेवा नहीं, बल्कि मानवता, करुणा और समाज उत्थान की एक प्रेरणादायक मिसाल है। हरीश आंजना एजुकेशन सोसायटी का यह सतत प्रयास "सेवा ही सबसे बड़ा धर्म" की भावना को मजबूत बनाता है।

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