खाद बिक्री में गड़बड़ी का आरोप, दीर्घ एंटरप्राइजेज को कृषि विभाग का नोटिस

चित्तौड़गढ़ । शहर के सेंती क्षेत्र में स्थित दीर्घ एंटरप्राइजेज खाद दुकान पर किसानों की शिकायतों के बाद कृषि विभाग ने सख्ती दिखाई है। विभाग ने फर्म को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के भीतर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं। नोटिस में किसानों द्वारा यूरिया खाद की बिक्री में अनियमितता और दबाव बनाकर अन्य प्रोडक्ट बेचने के आरोपों की जांच की बात कही गई है।
कृषि विभाग के अनुसार यदि तय समय सीमा में संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह कदम हाल ही में सामने आए विवाद और किसानों के विरोध को देखते हुए उठाया गया है, ताकि नियमों के अनुसार स्थिति स्पष्ट की जा सके।
दरअसल, एक दिन पहले सेंती इलाके में खाद को लेकर भारी हंगामा हुआ था। बुधवार सुबह से ही बड़ी संख्या में किसान दीर्घ एंटरप्राइजेज के बाहर खाद लेने के लिए लाइन में खड़े हो गए थे। सुबह से इंतजार कर रहे किसानों को काफी देर तक खाद नहीं मिली, जिससे नाराजगी बढ़ती चली गई। दोपहर होते-होते हालात और तनावपूर्ण हो गए और दुकान के बाहर अफरा-तफरी की स्थिति बन गई।
किसानों का आरोप है कि उन्हें केवल यूरिया खाद नहीं दी जा रही थी, बल्कि खाद के साथ अन्य प्रोडक्ट खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा था। किसानों ने बताया कि एक खाद का कट्टा 450 रुपये में बेचा जा रहा था, जो तय मूल्य से अधिक बताया गया। कई किसानों ने यह भी कहा कि उनसे पैसे तो ले लिए गए, लेकिन न तो खाद दी गई और न ही कोई पर्ची या स्लिप दी गई, जिससे भुगतान का कोई प्रमाण उनके पास नहीं रहा।
दोपहर तक खाद नहीं मिलने पर किसानों का गुस्सा और बढ़ गया। इसी दौरान दुकानदार ने यह कहकर दुकान बंद कर दी कि पोश मशीन काम नहीं कर रही है। दुकान बंद होने के बाद भी किसानों को उनके पैसे वापस नहीं किए गए। दूर-दराज के गांवों से आए किसानों को पूरा दिन इंतजार करने के बावजूद खाली हाथ लौटना पड़ा, जिससे आक्रोश फूट पड़ा और हंगामा हो गया।
हंगामे की सूचना मिलने पर कृषि विभाग के अधिकारी और सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। किसानों से बातचीत कर उनकी शिकायतें सुनी गईं। अधिकारियों की मौजूदगी में देर शाम तक खाद का वितरण कराया गया और प्रत्येक किसान को दो-दो कट्टे दिए गए, जिससे स्थिति सामान्य हुई।
संयुक्त निदेशक कृषि दिनेश कुमार जागा ने बताया कि किसानों की शिकायतों के आधार पर फर्म को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। फर्म का जवाब मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।
