वर्षों से अधूरा सपना आज हुआ साकार

वर्षों से अधूरा सपना आज हुआ साकार
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चित्तौड़गढ़ । कहते हैं कि एक छोटे से कागज़ का टुकड़ा ज़िन्दगी बदल सकता है, ग्राम खैरमालिया के शांतिलाल पुत्र वर्दीचंद मेघवाल के लिए वह कागज़ था

आवासीय पट्टा, जिसका उन्होंने वर्षों तक इंतज़ार किया था। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा 2025 के अंतर्गत आयोजित शिविर ने उनके इस बहुप्रतीक्षित सपने को साकार कर दिया।

समस्या – बिना पट्टे के जीवन

शांतिलाल का परिवार वर्षों से खैरमालिया ग्राम में अपने पुश्तैनी मकान में निवास कर रहा था। लेकिन उनके पास उस मकान का कानूनी स्वामित्व प्रमाण आवासीय पट्टा नहीं था। इस कारण वे राज्य सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, सौभाग्य योजना, उज्ज्वला योजना आदि से वंचित थे। हर प्रयास, हर आवेदन कागज़ी अधूरेपन के कारण अधूरा ही रह जाता।

समाधान – शिविर में सुनवाई, त्वरित कार्रवाई

शुक्रवार 04 जुलाई को जब बड़ीसादड़ी उपखंड की खैरमालिया ग्राम पंचायत में अंत्योदय संबल पखवाड़ा का शिविर आयोजित हुआ, तो शांतिलाल ने अपनी व्यथा एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से शिविर प्रभारी उपखंड अधिकारी के समक्ष रखी।

प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल ग्राम विकास अधिकारी एवं पटवारी को मौके पर जांच के आदेश दिए। जांच के बाद शांतिलाल का दावा सही पाया गया और शिविर के दौरान ही उन्हें कानूनी रूप से आवासीय पट्टा प्रदान कर दिया गया।

अब घर पर है कानूनी अधिकार

आवासीय पट्टा मिलने के साथ ही शांतिलाल को अपने मकान का विधिक स्वामित्व प्राप्त हो गया। अब वेव्बैंक से ऋण ले सकते हैं, सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं, अपने बच्चों को सुरक्षित भविष्य दे सकते हैं, कानूनी दस्तावेजों में अपने घर का नाम दर्ज करा सकते हैं।

शांतिलाल की भावुक प्रतिक्रिया

"मैंने वर्षों तक यह सपना देखा था कि मेरा मकान, जो मेरी मेहनत से बना है, वह मेरे नाम से दर्ज हो। आज वो सपना पूरा हुआ। मैं सरकार, उपखंड प्रशासन, और ग्राम पंचायत का दिल से आभार प्रकट करता हूं। यह मेरे परिवार के लिए एक नई शुरुआत है।

एक कानूनी, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन की शुरुआत।"

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