बाल विवाह मुक्त चित्तौड़गढ़ अभियान को 100 दिवसीय पहल से मिली नई गति

बाल विवाह मुक्त चित्तौड़गढ़ अभियान को 100 दिवसीय पहल से मिली नई गति
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चित्तौड़गढ़,। जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लक्ष्य के साथ जिला प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर जागरूकता गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। जिला कलक्टर आलोक रंजन के निर्देशानुसार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित “बाल विवाह मुक्त भारत अभियान” के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 100 दिवसीय विशेष कार्य योजना के तहत सघन कार्यक्रमों की श्रृंखला जारी है।

इस अभियान के अंतर्गत बाल अधिकारिता विभाग, महिला अधिकारिता विभाग एवं चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की टीम द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ नियमित रूप से कार्यशालाएँ, जनजागरूकता रैलियाँ तथा संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

इसी कड़ी में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, सोनियाणा (गंगरार) तथा चित्तौड़ दुर्ग स्थित कालिका माता मंदिर एवं विजय स्तंभ परिसर में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।

कार्यक्रम में ओमप्रकाश तोषनीवाल, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल अधिकारिता विभाग द्वारा उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं स्थानीय पर्यटकों को बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथा से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बालिकाओं को उनके कानूनी अधिकार, सुरक्षा प्रावधान, तथा चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के माध्यम से निःसंकोच शिकायत दर्ज कराने हेतु प्रोत्साहित किया।

कार्यक्रम के दौरान सभी छात्र-छात्राओं एवं आमजन को बाल विवाह के पूर्ण उन्मूलन की शपथ दिलाई गई तथा समुदाय में जागरूकता फैलाने एवं सामाजिक बदलाव में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया गया।

विद्यालय कार्यक्रम में प्रधानाचार्य मोतीलाल सेनी, शिक्षक-शिक्षिकाएँ पिंकी राठौर, इंद्रा सुराणा, नयन पालीवाल, सुलोचना माहेश्वरी, स्नेहलता दायमा, हेमलता जीनगर, महेश कुमार एवं लोकश सोनी उपस्थित रहे।

दुर्ग परिसर में आयोजित कार्यक्रम में हिम्मत सिंह (उ.नि. किला चौकी), चाइल्ड हेल्पलाइन काउंसलर करण जीनवाल, सुपरवाइज़र नानूराम जाट, एवं केस वर्कर इरफान शामिल हुए।

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