मुरलिया बांध की नहरें नहीं खुलने से किसानों के खेतों में भरा पानी, किसानों ने सौंपा ज्ञापन

निंबाहेड़ा, निंबाहेड़ा उपखंड के समीपवर्ती ग्राम मुरलिया, बांसा, पिपलिया एवं रसूलपुर क्षेत्र के किसानों ने मुरलिया बांध की नहरें नहीं खोले जाने और बांध से पानी की निकासी नहीं होने के कारण खेतों में जलभराव की गंभीर समस्या उठाई है। प्रभावित किसानों ने मंगलवार दोपहर निंबाहेड़ा उपखंड कार्यालय पहुंचकर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा और शीघ्र समाधान की मांग की।
किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाया कि मुरलिया बांध पेटे में खातेदारी भूमि पर खेती करने वाले किसान हर वर्ष फसल बोकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। यह खेत उनके जीवनयापन का प्रमुख साधन हैं। परंतु गत दो वर्षों से बांध के आसपास संचालित सीमेंट फैक्टरियों की खदानों से बड़ी-बड़ी मोटरों द्वारा लगातार पानी निकालकर मुरलिया बांध में छोड़ा जा रहा है, जिससे बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
किसानों ने बताया कि समय पर नहरें नहीं खोले जाने से बांध का पानी खेतों में भर जाता है और आराजी भूमि जलमग्न हो जाती है। परिणामस्वरूप किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो रही हैं और कई किसान पिछले दो-तीन वर्षों से एक दाना अन्न तक नहीं उपजा पा रहे हैं। इस स्थिति से किसानों की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय हो गई है तथा रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।
किसानों ने ज्ञापन में यह भी मांग की कि संबंधित विभाग को निर्देश दिए जाएं कि नहरें तुरंत खोली जाएं ताकि बांध का अतिरिक्त जल नियंत्रित रूप से छोड़ा जा सके। साथ ही सीमेंट फैक्टरियों द्वारा खदानों का पानी अवैध रूप से बांध में छोड़े जाने पर रोक लगाई जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो किसान आंदोलन करने को विवश होंगे।
ज्ञापन सौंपने के दौरान मुरलिया बांध क्षेत्र के दर्जनों प्रभावित किसान उपस्थित रहे और उन्होंने अपनी समस्याओं को लेकर प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
