संघर्ष से सम्मान तक–अब बदल रही है ज़िन्दगी”

संघर्ष से सम्मान तक–अब बदल रही है ज़िन्दगी”
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चित्तौड़गढ़ । राजस्थान सरकार द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़ा 2025 के अंतर्गत बेगू पंचायत समिति की दौलतपुरा ग्राम पंचायत में 2 जुलाई को आयोजित बहुउद्देशीय सेवा शिविर ने न केवल योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुँचाया, बल्कि गरीब परिवारों की उम्मीदों को नई उड़ान दी।

इस शिविर के दौरान ग्राम खरड़ी निवासी श्रीमती भंवरीबाई पत्नी गोपाललाल बारेठ तथा श्रीमती कान्ताबाई पत्नी अनिल सुथार के जीवन में एक नई रोशनी आई। दोनों परिवार वर्षों से गरीबी रेखा से नीचे (BPL 2002) जीवन यापन कर रहे थे। सीमित संसाधनों, कठिन परिस्थितियों और निरंतर संघर्ष के बीच इन परिवारों ने कभी हार नहीं मानी, लेकिन सरकारी सहयोग की कमी से वे कई कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रह जाते थे।

शिविर में जब प्रशासन की टीम ने घर-घर जाकर सर्वे किया और पात्रता की पुष्टि की, तो यह दोनों महिलाएं पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत चयनित की गईं। योजना की विशेषता यह है कि जो लाभार्थी वर्षों से BPL सूची में शामिल रहे हैं और अब अपने प्रयासों से उस स्थिति से ऊपर उठे हैं, उन्हें सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि के रूप में ₹21,000 की सहायता दी जाती है।

बैंक खाता सत्यापन एवं दस्तावेजों की जांच के उपरांत दोनों महिलाओं का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सफलतापूर्वक करवाया गया। अब यह राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से उनके खातों में स्थानांतरित की जाएगी।

भंवरीबाई की कहानी

भंवरीबाई, जो पहले अपने परिवार के साथ दैनिक मजदूरी पर निर्भर थीं, ने सिलाई कार्य सीखकर आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया। धीरे-धीरे उन्होंने गांव की महिलाओं के लिए वस्त्र सिलने का कार्य शुरू किया और अपनी आय बढ़ाई। आज वह अपने बच्चों को शिक्षा भी दिला रही हैं और अपनी मेहनत से गरीबी रेखा से बाहर आई हैं।

कान्ताबाई की कहानी

कान्ताबाई ने अपने पति के साथ मिलकर एक छोटी सी वेल्डिंग की दुकान शुरू की थी। प्रारंभ में बहुत कठिनाइयाँ आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अब उनकी दुकान गांव के कई लोगों के लिए उपयोगी सेवाएं दे रही है और परिवार की आमदनी भी स्थिर हो गई है।

भावनात्मक पल

जब प्रशासन ने इन महिलाओं को बताया कि उन्हें ₹21,000 की सहायता राशि मिलेगी, तो उनकी आँखों में खुशी के आँसू छलक उठे। उन्होंने कहा कि यह केवल धनराशि नहीं, बल्कि उनके आत्मसम्मान और प्रयासों की स्वीकृति और सम्मान है।

आभार और संदेश

दोनों लाभार्थियों ने राज्य सरकार, उपखण्ड प्रशासन तथा माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी का हार्दिक धन्यवाद व्यक्त किया और कहा कि यह योजना वास्तव में "अंत्योदय" के मूल उद्देश्य को साकार कर रही है – समाज के अंतिम व्यक्ति को सशक्त बनाना।

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