जमाबंदी त्रुटि का समाधान–रमेश को मिला न्याय

चित्तौड़गढ़, । ग्राम पंचायत बबराणा कलां की निवासी राजी बाई पत्नी चुन्नीलाल जटिया की वर्षों से चली आ रही पुश्तैनी जमीन की समस्या का समाधान अन्ततः बहुविभागीय सेवा शिविर में हुआ। पारिवारिक विवाद के कारण उनका पट्टा लम्बे समय से लंबित था। लेकिन सेवा शिविर में उपस्थित ग्राम विकास अधिकारी ने मौके पर ही स्थल निरीक्षण कर आपसी सहमति बनवाई और पात्रता तय कर राजी बाई को तुरंत पट्टा जारी किया।
इससे अब वह ऋण प्राप्त कर अपने परिवार की ज़रूरतें पूरी कर सकेंगी। राजी बाई ने भावुक होकर कहा, "इस शिविर ने मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी समस्या का हल निकाल दिया यह मेरे लिए ‘सफलता का दिन’ है। मैं राज्य सरकार और प्रशासन की आभारी हूं।"
जमाबंदी त्रुटि का समाधान – रमेश नाथ को मिला न्याय
इसी शिविर में रमेश नाथ पुत्र मगन मोहन नाथ ने राजस्व विभाग के समक्ष एक गंभीर त्रुटि का मामला प्रस्तुत किया। पुरानी और नई जमाबंदियों में उनके पिता का नाम दो अलग-अलग रूपों में दर्ज हो गया था
मगन नाथ पुत्र जालम नाथ (1/6 हिस्सा)
मोहन नाथ पुत्र जालम नाथ (1/6 हिस्सा)
जबकि हक वास्तव में 1/3 हिस्से का था। इस त्रुटि से उनके भविष्य के कानूनी अधिकारों पर संकट मंडरा रहा था।
राजस्व विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए उसी दिन जांच की और सुधार करते हुए सही स्वामित्व ‘मगन मोहन नाथ’ के नाम पर 1/3 हिस्सा दर्ज किया।
रमेश नाथ ने प्रशासन के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा "शिविर में मेरे हक की रक्षा हुई। वर्षों की कानूनी लड़ाई अब नहीं लड़नी पड़ेगी यह मेरे लिए ‘न्याय प्राप्ति का दिन’ है।"
बबराणा कलां में आयोजित यह सेवा शिविर ग्रामीणों के लिए महज़ एक शिविर नहीं, बल्कि वर्षों की समस्याओं के समाधान का सशक्त मंच बन गया। इससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार द्वारा चलाया जा रहा अन्त्योदय संबल पखवाड़ा वास्तव में ज़रूरतमंदों के जीवन में बदलाव ला रहा है।