सांप के साथ रील बनाना पड़ा भारी, नाबालिग की मौत

सांप के साथ रील बनाना पड़ा भारी, नाबालिग की मौत
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चित्तौड़गढ़। जिले के रोलहेड़ा गांव में सांप के साथ रील बनाना एक नाबालिग की जान पर भारी पड़ गया। घर में निकले कॉमन करैत सांप को हाथ में लेकर रील बनाते हुए लोकदेवता के थान जाने के दौरान सांप ने किशोर को कई बार डस लिया। इलाज में देरी और झाड़ फूंक पर भरोसा करने के चलते उसकी मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार किशोर के घर में कॉमन करैत सांप निकला था। इसके बाद वह देव आगमन की परंपरा के तहत सांप को हाथ में लेकर लोकदेवता के थान की ओर निकल गया। इस दौरान उसके साथ डीजे बजाते हुए लोग भी चल रहे थे। रास्ते में ही सांप ने किशोर के हाथ में कई जगह डस लिया, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ने लगी।

परिजन और साथ चल रहे लोग उसे तुरंत अस्पताल ले जाने के बजाय पहले मंदिरों में ले गए और भोपे से झाड़ फूंक करवाई। हालत में सुधार नहीं होने पर उसे उदयपुर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान शनिवार देर रात नाबालिग की मौत हो गई।

इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें किशोर के हाथ में सांप के डसने के निशान साफ नजर आ रहे हैं और खून निकलता हुआ दिखाई दे रहा है। यह घटना शुक्रवार की बताई जा रही है, जबकि नाबालिग ने शनिवार रात दम तोड़ा।

घटना के बाद गांव में शोक का माहौल है। इस मामले ने एक बार फिर अंधविश्वास और समय पर चिकित्सा उपचार न मिलने के खतरों को उजागर किया है।

भीलवाड़ा। हरि शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर परिसर में रविवार को सर्व सनातन समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीराम भक्त हनुमान जी की मूर्ति पर दीप प्रज्जवलन और शंखनाद से हुआ, सभी भक्तों ने हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया। बैठक की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने की तथा बताया कि आगामी 19 फरवरी से 26 फरवरी 2026 तक दीक्षा दान समारोह के उपलक्ष में आयोजित होने वाले ’’सनातन मंगल महोत्सव’’ की तैयारियों को लेकर यह बैठक की गई है। जिसमें महोत्सव को भव्य व सफल बनाने के लिए कार्यक्रमों की रूपरेखा, व्यवस्थाएं, दायित्व वितरण एवं समाज की सहभागिता को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने सभी वर्गों से एकजुट होकर आयोजन को सफल बनाने का आह्वान किया। सनातन मंगल महोत्सव में 108 श्रीमद् भागवत जी के मूल पाठ प्रत्येक समाज के लिये रखने का भी निर्णय लिया गया, जिसमें प्रति समाज एक श्रीफल और ₹1 रुपया दक्षिणा रखी है। आयोजन के दौरान महायज्ञ में सर्व समाज के प्रतिनिधि अपनी पत्नि के साथ जोड़े में बैठ सकेगें। बैठक का समापन सायं ठाकुर जी को पौष बड़ा महोत्सव का भोग अर्पित करने के साथ किया गया। महामंडलेश्वर ने अपने आशीर्वचन में कहा कि आठ दिवसीय भव्य आयोजन में देश-विदेश के हजारों सनातनी इस लघु महा कुम्भ में पधारेंगे, वस्त्र नगरी में आयोजित लघु महाकुंभ में कई दिव्य संतगण पधारेंगे, जिनका सभी भक्तों को दर्शन और आशीर्वाद मिलेगा। सनातन की भाषा व भूषा एक समान रहने पर जोर दिया। पठानकोट से पधारे स्वामी गुरु चरणानंद महाराज (बाबा साहब) ने सभी समाज प्रमुख और भक्तजनों से सेवा के लिए आगे आने का आग्रह किया। सभी से इस कार्यक्रम में मानसिक सेवा पूरे मन से देने की बात कही। बैठक में संत मयाराम, संत गोविंदराम, ब्रह्मचारी कुनाल, मिहिर ने भाग लिया।

विभिन्न समाजों के प्रमुख कार्यकर्ता, व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारी, महिला संगठनों की मातृशक्ति तथा युवा शक्ति की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। सभी ने आयोजन को सफल बनाने हेतु सहयोग का संकल्प लिया एवं अपने सुझाव भी प्रकट किये। इस अवसर पर चाँदमल सोमानी, सुरेश गोयल, अशोक मूंदड़ा, बद्रीलाल सोमानी, मुरली कोली, सुभाष बाहेती, ईश्वर आसनानी, हीरालाल गुरनानी, कैलाश जीनगर, अंबालाल नानकानी, मनोज शर्मा, लादूलाल भांड, निशा जैन, महावीर खंडेलवाल, अरुण सिंह, मोनू माली, विजय कुमार विजयवर्गीय, ढ़ालूमल सोनी ने भी कार्यक्रम को लेकर अपने सुझाव रखें। कार्यक्रम संचालन खुशबू शुक्ला व शिवानी भरावा ने किया।


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