मीरा स्मृति संस्थान, चित्तौड़गढ़ के चुनाव निर्विरोध सम्पन्न

मीरा स्मृति संस्थान, चित्तौड़गढ़ के चुनाव निर्विरोध सम्पन्न
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चित्तौड़गढ़, अनिल शिशोदिया चित्तौड़गढ़ की साहित्य, संस्कृति और विरासत से जुड़ी, माँ मीरा को समर्पित संस्था मीरा स्मृति संस्थान के चुनाव में निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुए। यह जानकारी देते हुए संस्थान के नवनियुक्त सचिव राकेश मन्त्री नें बताया की चित्तौड़गढ़ की इस गौरवशाली सांस्कृतिक संस्था के चुनाव निर्विरोध सम्पन्न हुए। आज दिनाँक 11.05.2025, रविवार को सम्पन्न चुनावों में अध्यक्ष अनिल शिशोदिया, उपाध्यक्ष अर्जुन मुन्दड़ा व ओमप्रकाश औदिच्य, सचिव राकेश मन्त्री, कोषाध्यक्ष विनायक द्विवेदी, सहसचिव सुनील ढीलीवाल, अनन्त माहेश्वरी 'समदानी', कार्यकारिणी सदस्य अमरकंठ उपाध्याय, जयप्रकाश भटनागर, प्रदीप दीक्षित, विट्ठल पाण्डे, महेन्द्रसिंह मेडतिया, सुमन्त सुहालका व प्रदीप काबरा निर्विरोध निर्वाचित हुए।

चुनाव निर्वाचन अधिकारी श्री श्याम मनोहर काखानी और उनके तीन सहयोगी साथियों द्वारा मीरा स्मृति संस्थान के नियमानुसार सम्पन्न करवाए गए। चुनाव प्रक्रिया पूर्ण होते ही चुनाव अधिकारी नें नवीन कार्यकारिणी को शपथ दिलवाकर निर्वाचन की विधिवत घोषणा की। संस्थान के निवर्तमान अध्यक्ष सत्यनारायण समदानी नें संस्थान के सभी सदस्यों का निर्विरोध निर्वाचन के लिए आभार व्यक्त किया और नवनिर्वाचित अध्यक्ष और कार्यकारिणी को बधाई देते हुए समदानी नें अपने उदबोधन में विश्वास व्यक्त किया की नवीन कार्यकारिणी संस्थान की गरिमा में अभिवृद्धि करेगी। अपने प्रथम उदबोधन में नवनिर्वाचित अध्यक्ष अनिल शिशोदिया नें विश्वास दिलाया की मैं और कार्यकारिणी के नवनिर्वाचित सदस्य संस्थान के हितों के लिए तन, मन, धन से कार्य करेंगे। उन्होंने उपस्थित सभी वरिष्ठ सदस्यों का आभार व्यक्त किया और यह भी निवेदन किया की संस्थान के वरिष्ठ सदस्य अपनी सहभागिता, सहयोग, सम्बल और समर्थन मीरा स्मृति संस्थान के प्रति इसी तरह बनाए रखेंगे। शिशोदिया नें यह भी कहा की संस्थान के गौरव को बनाए रखने, उसमें अभिवृद्धि करने का हरसम्भव प्रयास करेंगे। संस्थान के वरिष्ठ सदस्य प्रो.ए.एल.जैन नें संस्थान के उद्देश्यों को लेकर कहा की हमारा मूल लक्ष्य माँ मीरा की ऐतिहासिक विरासत की गरिमा बनाए रखना और माँ मीरा के प्रति समर्पण का भाव है जिसे हर हाल में बनाए रखना है। हमें कलात्मक विधाओं में निपुण, साहित्यिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक रूचि रखने वाले सुहृदय लोगों को संस्थान से जोड़ना चाहिए। अन्त में नवनिर्वाचित सचिव राकेश मन्त्री नें सभी का आभार व्यक्त किया।

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