"अब मेरा है मेरा घर–सीता देवी को मिला स्वामित्व का अधिकार"

चित्तौड़गढ़, । ग्राम पंचायत तुर्कियाखुर्द की निवासी सीता देवी पत्नी देवीलाल जाट वर्षों से अपने पुश्तैनी कच्चे मकान में निवास कर रही थीं। यह घर उनके पूर्वजों से विरासत में मिला था, लेकिन दुर्भाग्यवश कभी इस घर के नाम कोई वैध दस्तावेज या मालिकाना हक उन्हें नहीं मिला।
जब भी किसी बैंक से ऋण की जरूरत पड़ी या किसी सरकारी योजना का लाभ लेना चाहा, तो दस्तावेज़ों के अभाव में निराशा ही हाथ लगी। मकान उनका था, लेकिन कागजों पर नहीं।
स्वामित्व योजना बनी वरदान
03 जुलाई को कपासन पंचायत समिति की तुर्कियाखुर्द ग्राम पंचायत में पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़ा 2025 के अंतर्गत आयोजित बहुउद्देश्यीय शिविर में सीता देवी को उनके पुश्तैनी घर का "स्वामित्व कार्ड" सौंपा गया।
इस ऐतिहासिक क्षण पर नायब तहसीलदार, प्रशासक, एवं सहायक विकास अधिकारी की उपस्थिति रही। जब सीता देवी को दस्तावेज उनके हाथों में मिला, तो उनके चेहरे पर संतोष, गर्व और खुशी के मिले-जुले भाव थे।
सीता देवी ने कहा कि "मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरे नाम से मेरे घर का कोई कागज मिलेगा। आज मेरे पास न केवल घर है, बल्कि उसका प्रमाण भी है। अब मैं बैंक से ऋण भी ले सकती हूं, अपने बच्चों का भविष्य बेहतर बना सकती हूं। मैं इस योजना के लिए भारत सरकार, राजस्थान सरकार और पंचायत प्रशासन की बहुत आभारी हूं।"
आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम
स्वामित्व कार्ड मिलने के बाद अब सीता देवी किसी भी बैंक से ऋण प्राप्त कर सकती हैं, जिससे वह अपने घर का विस्तार, बच्चों की शिक्षा या कोई छोटा व्यवसाय शुरू करने जैसी आर्थिक योजनाएं साकार कर सकेंगी। यह कार्ड केवल संपत्ति का प्रमाण नहीं है, यह आत्मनिर्भरता, सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक है।