अधिकारी कर्मचारी पूर्वानुमति के नहीं छोड़े मुख्यालय- जिला कलक्टर

अधिकारी कर्मचारी पूर्वानुमति के नहीं छोड़े मुख्यालय- जिला कलक्टर
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चित्तौड़गढ़ । देश में उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक ने आपदा प्रबंधन को लेकर आज जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली और सौंप गए दायित्वों को पूर्ण रूप से निर्वहन करने के निर्देश दिए। वहीं आदेश के तहत अब सभी अधिकारी एवं कर्मचारी बिना पूर्वानुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे ।

जिला कलक्टर आलोक रंजन ने शुक्रवार को डीआरडीए सभागार में आपदा प्रबंधन एवं वर्तमान में उपस्थित परिस्थितियों को देखते हुए आमजन को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों की बैठक ली एवं विभागवार कार्य योजना की समीक्षा की गई।

जिला कलक्टर ने आपात स्थिति में आमजन को सूचना उपलब्ध कराने एवं सायरन के माध्यम से आपात स्थिति की जानकारी देने की समीक्षा भी की। उन्होंने रसद आपूर्ति, संचार, जिला चिकित्सालय सहित सभी चिकित्सा संस्थानों में पर्याप्त दवाइयां, बेड आदि की समीक्षा की। उन्होंने इमरजेंसी सेवाओं के 12 विभागों के महत्वपूर्ण कार्यों एवं उनकी सेवाओं को आमजन से लाभान्वित करने की समीक्षा की । उन्होंने रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, जिला चिकित्सालय एवं सार्वजनिक स्थलों सहित धार्मिक स्थलों पर उपलब्ध करवाई जाने वाली सुविधाओं की समीक्षा कर अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

उन्होंने आपात स्थिति में सिविल डिफेंस की सेवाओं, अग्निशमन के सेवाओं, बांध टूटने की स्थिति में आवश्यक कार्य करने तेल, तेल डिपो की सुरक्षा सहित एनसीसी, एनएसएस एवं नेहरू युवा केंद्र की भूमिका की भी समीक्षा की।

जिला कलक्टर आलोक रंजन ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रबन्धन के विषय में गम्भीर है। इस सम्बन्ध में गृह विभाग द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए है जिनके निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने आपातकालीन परिस्थिति में कार्य करने वाले विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि जिले के समस्त अधिकारियो एवं कर्मचारियों को किसी प्रकार अवकाश देय नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि आपदा प्रबन्धन की स्थिति के दृष्टिगत रखते हुए कार्य योजना बनाते हुए कार्य करें। आपदा प्रबन्धन की स्थिति के दृष्टिगत समस्त अस्पतालों में सभी प्रकार की आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध रहे यह सुनिश्चित करें एवं चिकित्सक मय स्टाफ मुख्यालय पर ही उपस्थित रहे, प्राथमिक चिकित्सा से सम्बन्धित साम्रगी प्रत्येक स्तर पर उपलब्ध होनी चाहिए, जिले के समस्त ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील रहे, समस्त एम्बुलेंस का परीक्षण करके रखें साथ ही निजी एम्बुलेंस को भी आपातकालीन स्थिति में काम में लेने के लिए तैयार रखें।

रक्त की जरूरत पड़ने पर व्यक्तियों को रक्त दान के लिए प्रेरित करना चाहिए। ब्लड बैंक में सभी ग्रुपों के रक्त की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध रहे, इसके साथ-साथ अस्थाई चिकित्सालय के लिए चिन्हित स्थलों में जनरेटरों की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। आवश्यकतानुसार भूमिगत स्थलों का भी चयन किया जाना चाहिए।

जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने कहा कि सोशल मीडिया पर पूर्ण निगरानी रखी जाए। देश के विरुद्ध भड़काऊ पोस्ट अथवा सामग्री पर तुरन्त कानूनी कार्यवाही करें। आपात स्थिति में पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध रहे। खाद्य सामग्री एवं अन्य आवश्यक वस्तुओ का अनावश्यक भंडारण नहीं हो। स्टॉक का नियमित निरीक्षण करें। इससे जमाखोरी रूकेगी। पेट्रोल डीजल सहित अन्य साम्रगी भी उपलब्ध रहनी चाहिए। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि आपात स्थिति में पेयजल की पूर्ण व्यवस्था आमजन के लिए उपलब्ध रहे। पेयजल का पर्याप्त भण्डारण रखा जाए।

उन्होंने कहा कि जिले में अति संवेदनशील स्थलों की सूची को अद्यतन करते हुए इनकी पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पंचायत एवं ग्राम स्तर पर राज्य सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं की पूर्ण जानकारी हो। आमजन में यह विश्वास निर्मित होना चाहिए कि संकट की घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है।

जिले में अग्निशमन सेवाओं को सक्रिय तथा कार्यशील स्थिति में रखा जाए। जिले में संचार सेवाओं को सुचारू रखें। सार्वजनिक उद्घोषणा यंत्र पर्याप्त संख्या में चालू स्थिति में उपलब्ध रहे। जिले में समय-समय पर आपदा प्रबन्धन योजना की मॉक ड्रिल की जाए। आपदा की स्थिति में गैर सरकारी संगठन, राष्ट्रीय सेवा योजना एवं नेशनल कॅडेट कॉर की भागीदारी सुनिश्चित हो।

बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर विनोद मल्होत्रा, मुख्य कार्यकर्ता अधिकारी जिला परिषद विनय पाठक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश पुरोहित सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

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