विधायक कृपलानी की पहल पर डीएमएफटी फंड से 7 करोड़ की दो बड़ी सिंचाई योजनाएं स्वीकृत

विधायक कृपलानी की पहल पर डीएमएफटी फंड से 7 करोड़ की दो बड़ी सिंचाई योजनाएं स्वीकृत
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निम्बाहेड़ा। क्षेत्र की 2,000 से अधिक पुरानी पत्थर खदानें, जिनमें प्राकृतिक रूप से पानी संचित होता है, अब निम्बाहेड़ा क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान साबित होने जा रही हैं। वर्षों से अनुपयोगी पड़ी इन जल भंडारण क्षमता वाली खदानों को अब वैज्ञानिक तरीके से सिंचाई के उपयोग में लाने के लिए पूर्व यूडीएच मंत्री एवं विधायक श्रीचंद कृपलानी की अनुशंसा पर बड़ी पहल की गई है।

पूर्व यूडीएच मंत्री एवं विधायक कृपलानी के निरंतर प्रयासों से डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT) द्वारा कुल 718.15 लाख (लगभग 7.18 करोड़) रुपये की दो महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।

पहली परियोजना —

180 हेक्टेयर क्षेत्र की सामुदायिक सिंचाई योजना (लगत 492.72 लाख रुपये)

निम्बाहेड़ा पंचायत समिति क्षेत्र में स्थित टाटरमाला, लक्ष्मीपुरा, सालरमाला, बिनोता, खोड़ीप, मिंडाना एवं मंडलाचारण की खदानों के पानी से 180 हेक्टेयर भूमि को सामुदायिक स्प्रिंकलर प्रणाली से सिंचित किए जाने का कार्य स्वीकृत किया गया है।

इस परियोजना का क्रियान्वयन जल संसाधन विभाग (WRD) द्वारा किया जाएगा।

दूसरी परियोजना —

70 हेक्टेयर सिंचाई योजना (लगत 225.43 लाख रुपये)

इसी प्रकार बडोली माधोसिंह एवं चंगेड़ी खदानों के पानी का उपयोग करते हुए 70 हेक्टेयर क्षेत्र में सामुदायिक स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली स्थापित करने की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। यह कार्य भी जल संसाधन विभाग द्वारा किया जाएगा।

250 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था का होगा स्थायी समाधान

इन दोनों परियोजनाओं के बाद निम्बाहेड़ा क्षेत्र में कुल 250 हेक्टेयर कृषि भूमि को स्थाई सिंचाई का लाभ मिलेगा। यह पहला अवसर है जब खदानों के प्राकृतिक जल भंडारण को इतने बड़े पैमाने पर विधायक कृपलानी की पहल पर कृषि उपयोग में लाने की योजना सरकारी स्तर पर स्वीकृत हुई है।

विधायक कृपलानी की पहल से खदानें बनेंगी जल-सम्पदा का केंद्र

विधायक श्रीचंद कृपलानी ने खदानों में मौजूद लाखों घनमीटर पानी को निम्बाहेड़ा क्षेत्र की जल समस्या का समाधान मानते हुए लगातार राज्य सरकार एवं जिला स्तरीय बैठकों में इस विषय को उठाया था।

उनकी पहल पर तैयार की गई इन योजनाओं से किसानों को वर्षभर सिंचाई उपलब्ध होगी, भूजल रिचार्ज में वृद्धि होगी, खदानों का सुरक्षित एवं उपयोगी दोहन संभव होगा, क्षेत्र में जल संकट कम होगा।

विधायक कृपलानी ने कहा कि निम्बाहेड़ा क्षेत्र में खदानों के रूप में हमारे पास प्राकृतिक जल-संग्रहण की अपार क्षमता है। वर्षों से यह पानी यूँ ही बह जाता था, जबकि किसान सिंचाई के लिए संघर्ष करते थे। मेरा हमेशा से प्रयास रहा है कि इस बहुमूल्य जल-संपदा को वैज्ञानिक तकनीक से किसानों तक पहुँचाया जाए। मुझे खुशी है कि डीएमएफटी द्वारा हमारी अनुशंसा पर ये महत्वपूर्ण परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं। इससे न केवल 250 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी, बल्कि भूजल स्तर में भी सुधार आएगा और क्षेत्र जल आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा।

कृपलानी ने कहा कि यह मॉडल आने वाले वर्षों में निम्बाहेड़ा के लिए जल प्रबंधन का स्थायी समाधान बनेगा। हम इसका दायरा और बढ़ाने का भी प्रयास करेंगे ताकि हर किसान को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सके।

साथ ही, स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली के लिए आवश्यक पाइपलाइन, संरचनात्मक कार्य, मोटर व अन्य तकनीकी व्यवस्था स्थापित होने से क्षेत्र में बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

पत्थर खदानों में वर्षों से संचित अथाह जल राशि का उपयोग होने से हजारों मजदूरों को लगातार काम मिलेगा, खदान मालिकों को भी लाभ होगा तथा क्षेत्र के पत्थर उद्योग को नई गति और मजबूती मिलेगी।

ग्रामीणों, किसानों व खदान मालिको के साथ ही मजदूरों में खुशी

इन योजनाओं की स्वीकृति के बाद स्थानीय किसानों, ग्रामीणों व खदान मालिकों के साथ ही मजदूरों हर्ष एवं उत्साह है। उन्हें भरोसा है कि यह मॉडल आने वाले वर्षों में निम्बाहेड़ा क्षेत्र को पानी के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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