बाल विवाह मुक्त चित्तौड़गढ़ के लिए जन सहभागिता आवश्यक-चन्द्रभान सिंह आक्या

बाल विवाह मुक्त चित्तौड़गढ़ के लिए जन सहभागिता आवश्यक-चन्द्रभान सिंह आक्या
X



चित्तौड़गढ़, । बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक बुराई है, जिसका पूर्ण समाधान जन जागरूकता एवं व्यापक जन सहभागिता से ही संभव है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इसके विरुद्ध एकजुट होकर सतत प्रयास करने होंगे।

यह विचार चित्तौड़गढ़ विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने बाल विवाह मुक्त भारत के अंतर्गत चल रहे 100 दिवसीय अभियान के पोस्टर विमोचन के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बाल विवाह न केवल समाज के लिए अभिशाप है, बल्कि इससे संबंधित बालक-बालिकाओं एवं उनके परिवारों को भी गंभीर दुष्परिणामों का सामना करना पड़ता है। इसलिए सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी स्थिति में बाल विवाह न होने पाए।

रघु शर्मा ने कहा कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार का स्पष्ट संकल्प है कि देश और प्रदेश को बाल विवाह मुक्त बनाया जाए। इसके लिए सभी विभागों एवं समाज के हर वर्ग को समन्वित प्रयास करने होंगे।

हर्षवर्धन सिंह रूंद ने कहा कि जिले में बाल विवाह के विरुद्ध ऐसा जन माहौल तैयार किया जाना चाहिए कि यदि कहीं बाल विवाह होने की संभावना हो तो उसकी सूचना समय रहते बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों तक पहुंच सके, जिससे त्वरित कार्रवाई कर बाल विवाह रोका जा सके।

हजारेश्वर मंदिर के महंत श्री चन्द्र भारती जी ने संत समाज एवं सनातन धर्म के सभी धर्मावलंबियों से अपील की कि वे स्वयं आगे आकर बाल विवाह न करने और न कराने का संकल्प लें।

कार्यक्रम में गौरव त्यागी, सहायक निदेशक ओम प्रकाश तोषनीवाल, जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र कुमार शर्मा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी जितेन्द्र दशोरा, कुमार चन्द्रशेखर त्रिपाठी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी शंभु लाल सोमाणी, मंत्रालयिक कर्मचारी मंडल अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार मोड़, शिक्षक राजेन्द्र गंगरानी, लोकेश सोनी, राजकुमार बजाज, चाइल्ड हेल्पलाइन समन्वयक नवीन काकड़दा, काउंसलर करण जीनवाल, गायत्री सेवा संस्थान के अमित राव, शोभा गर्ग, गोविन्द सिंह सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।

इस अवसर पर विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने शिक्षा विभाग, मंत्रालयिक कर्मचारियों, शिक्षकों, शारीरिक शिक्षकों तथा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय धनेत के विद्यार्थियों को बाल विवाह प्रतिषेध की शपथ दिलाई। कार्यक्रम का संचालन शारीरिक शिक्षक पारस टेलर ने किया।

Next Story