चित्तौड़गढ़ में महाराणा प्रताप पर बयान को लेकर राजपूत समाज में आक्रोश

चित्तौड़गढ़। पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया द्वारा राजसमंद जिले में महाराणा प्रताप को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद चित्तौड़गढ़ सहित पूरे मेवाड़ अंचल में राजपूत समाज में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। समाज के विभिन्न संगठनों ने इस बयान को इतिहास, गौरव और स्वाभिमान का अपमान बताते हुए कड़ा विरोध जताया है।
जानकारी के अनुसार कुछ दिन पूर्व एक कार्यक्रम में राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा था कि महाराणा प्रताप को पहचान दिलाने का काम जनता पार्टी ने किया तथा हल्दीघाटी और आसपास का विकास कराकर पहचान दिलाई गई। उन्होंने यह भी कहा कि जनता पार्टी से विधायक बनने के बाद क्षेत्र का विकास हुआ और तब जाकर पहचान बनी। इन बयानों के बाद राजपूत समाज में नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है।
इसी क्रम में रविवार को जौहर स्मृति संस्थान में आयोजित पत्रकार वार्ता में मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष अशोक सिंह मेतवाला ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप केवल मेवाड़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश और विश्व में सम्मान और गौरव के प्रतीक हैं। महाराणा प्रताप किसी राजनीतिक दल या सरकार की वजह से नहीं, बल्कि मेवाड़ की आन-बान-शान और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए किए गए संघर्ष के कारण इतिहास में अमर हुए हैं।
अशोक सिंह मेतवाला ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है जब राज्यपाल कटारिया ने इस तरह की अमर्यादित टिप्पणी की हो। इससे पहले भी वे इस प्रकार के बयान दे चुके हैं। हाल ही में राजसमंद जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में भी महाराणा प्रताप को लेकर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया, जिससे समाज की भावनाएं आहत हुई हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह के विभाजनकारी और अपमानजनक बयानों से देश के करोड़ों क्षत्रिय स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे हैं। राज्यपाल का पद एक संवैधानिक पद होता है और इस प्रकार के बयान उस पद की गरिमा के विपरीत हैं। मेतवाला ने मांग की कि इस पूरे मामले में गृह मंत्री और राष्ट्रपति को संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
