असुरक्षित सड़क निर्माण पर सख़्ती, मानव अधिकार हनन मामले में महत्त्वपूर्ण आदेश

असुरक्षित सड़क निर्माण पर सख़्ती, मानव अधिकार हनन मामले में महत्त्वपूर्ण आदेश
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चित्तौड़गढ़,। राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग ने चित्तौड़गढ़ जिले में बोहेड़ा–डूंगला मार्ग के निर्माण के दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए मामले में प्रसंज्ञान लिया है। आयोग के सदस्य जस्टिस (से.नि.) रामचन्द्र सिंह झाला ने प्रथम दृष्टया पाया है कि सड़क निर्माण कार्य में विभागीय अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारियों का समुचित निर्वहन एवं सुपरविजन नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप नागरिकों के मानव अधिकारों का हनन हुआ है।

आयोग ने विशेष रूप से यह माना है कि ब्लाइंड टर्न पर स्पीड ब्रेकर, चेतावनी बोर्ड, सेफ्टी वॉल और अन्य सुरक्षा उपाय नहीं करवाए गए, जिससे मार्ग दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा। इस गंभीर लापरवाही के लिए पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए आयोग ने अधिशाषी अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, निम्बाहेड़ा को 23 दिसंबर, 2025 को प्रातः 11:30 बजे आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश जारी किए हैं।

हादसे में वृद्ध महिला की मृत्यु, दो गंभीर घायल

उल्लेखनीय है कि हाल ही में बोहेड़ा निवासी 70 वर्षीय नंदूबाई को उदयपुर ले जा रही एक निजी एंबुलेंस तलावदा गांव के निकट अनियंत्रित होकर खाई में उतर गई और एक दीवार से टकरा गई। हादसे में वृद्ध महिला की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि पति बंसीलाल लखारा (72) के पैर में फ्रैक्चर तथा पुत्री मंजू (40) गंभीर रूप से घायल हो गईं। दुर्घटना के बाद एंबुलेंस चालक मौके से फरार हो गया।

मानव अधिकारों का हनन – शिकायतों पर नहीं दी गई ध्यान

ग्रामीणों द्वारा कई बार मौखिक शिकायत के बावजूद विभागीय अधिकारियों ने कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया। राजस्थान संपर्क पोर्टल पर की गई शिकायत भी बिना उचित जांच के निस्तारित कर दी गई। यहां तक कि समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित होने के बाद भी अधिकारियों ने कोई संज्ञान नहीं लिया। आयोग ने माना कि यह रवैया नागरिकों के मानव अधिकारों की रक्षा के प्रति गंभीर उदासीनता को दर्शाता है।

आयोग के अनुसार, लगातार अनुरोधों और दुर्घटनाओं के बावजूद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों द्वारा सुरक्षा उपायों की उपेक्षा करना, प्रथमदृष्टया परिवादियों के मानव अधिकारों के हनन का स्पष्ट मामला है। आयोग ने राज्य सरकार एवं पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिया है कि सड़क सुरक्षा से संबंधित कमी को अविलंब दूर करते हुए सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोहराई न जाए।

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