वेतन नियमन की मांग को लेकर शिक्षकों का विरोध

वेतन नियमन की मांग को लेकर शिक्षकों का विरोध
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चित्तौड़गढ़। ज़िला चित्तौड़गढ़ में कार्यरत शिक्षक लंबे समय से की जा रही वेतन नियमन की मांग को लेकर धरने पर बैठे गए। गौरतलब हैं कि पूर्व में शिक्षक प्रतिनिधि मंडल द्वारा ज्ञापन दिए जाने के बाद अन्य जिलों की भांती परिवीक्षा अवधि संतोष जनक पूर्ण कर चुके और जिनके विरूद्ध किसी तरह की कोई विभागीय कार्यवाही लंबित नहीं हैं ऐसे शिक्षकों के स्थाईकरण में होने वाली देरी के चलते परिवीक्षा अवधि पूर्ण शिक्षकों का वेतन नियमन किया जाकर बढ़ा हुआ वेतन दिया जा रहा है।

जबकि चितौड़गढ़ ज़िला शिक्षा अधिकारी प्रा.शिक्षा कार्यालय से देरी से जारी किए वेतन नियमन के आदेश को तत्काल प्रभाव से प्रत्याहारित कर लिया। जिससे आहत शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल पुनः अति.ज़िला शिक्षा अधिकारी से मिला।

अति.ज़िला शिक्षा अधिकारी ओम मेनारिया द्वारा शिक्षक प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि सभी शिक्षकों की स्थाईकरण प्रक्रिया जारी है सितंबर माह से सभी को बढ़ा हुआ वेतन मिल जाएगा।

क्या हैं शिक्षकों की नाराज़गी का कारण

वर्ष 2021/22 में नियुक्त हुए शिक्षकों की परिवीक्षा अवधि जून, जुलाई महीने में हों चुकी हैं पूरी तब से प्रदेश में अन्य जिलों के शिक्षक उठा रहें हैं पूरा वेतन जबकि चितौड़गढ़ में शिक्षकों के ज्ञापन के बाद जागे विभागीय अधिकारियों द्वारा देर से जारी वेतन नियमन के आदेश को भी तत्काल प्रभाव से प्रत्याहारित कर लिया जिसके चलते पूरा वेतन नहीं मिलने से निराश शिक्षकों ने पुनः अति. ज़िला शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश मेनारिया से मुलाकत कर विरोध जताया उनके द्वारा उचित स्तर पर बात कर तत्काल प्रभाव से स्थाईकरण की प्रक्रिया पुर्ण करवाईं जाकर इसी माह से सभी को पूरा वेतन दिए जाने का भरोसा दिया गया।

शिक्षकों के स्थाई करण में हो रही हैं देरी इसी सप्ताह जारी होने हैं सभी शिक्षकों के वेतन बिल ऐसे में स्थाईकरण हो जाने के बावजूद अगले माह से ही मिल पाएगा सभी शिक्षकों को पूरे वेतन का लाभ।

इसी माह से सभी को मिले पूरा वेतन की मांग को लेकर नाराज शिक्षक बैठ गए कार्यालय के बाहर धरने पर आनन फानन में जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा राजेंद्र शर्मा द्वारा ज़िला परिषद कार्यालय से बैठक का समय लिया गया तथा जिले के समस्त शिक्षकों को इसी माह से स्थाईकरण करवा कर वेतन पूरा दिए जाने का भरोसा दिया गया इसी के बाद धरने से हटे शिक्षक।

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