शिक्षकों को आत्मिक प्रगति के साथ कैरियर उन्मुख होना चाहिए — शर्मा

शिक्षकों को आत्मिक प्रगति के साथ कैरियर उन्मुख होना चाहिए —  शर्मा
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चित्तौड़गढ़, , शिक्षकों को जॉब और कैरियर में अंतर समझते हुए आत्मिक प्रगति की ओर अग्रसर होना चाहिए। जॉब केवल रोजगार उन्मुख करती है, जबकि कैरियर रोजगार के साथ-साथ मानसिक संतुष्टि प्रदान करते हुए आत्मिक प्रगति की ओर ले जाती है। हमें जीवन में प्रशिक्षणों के माध्यम से अपने आप को अपडेट करने के अवसर उपलब्ध होते हैं, इन अवसरों का सदुपयोग करके विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को उन्नत बनाना चाहिए । उक्त विचार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चितौड़गढ़ में आयोजित प्रशिक्षणों एवं कार्यशाला के संयुक्त समापन सत्र में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी महावीर कुमार शर्मा ने व्यक्त किये। डाइट के संस्थापन अधिकारी राकेश सुखवाल ने बताया कि संस्थान में आईसीटी लैब के प्रभावी संचालन एवं उपयोग से संबंधित प्रशिक्षण, शारीरिक साक्षरता आधारित प्रशिक्षण एवं स्थानीय भाषा पर आधारित सामग्री निर्माण कार्यशाला के संयुक्त समापन सत्र में मुख्य अतिथि मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी महावीर कुमार शर्मा एवं अध्यक्षता अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा प्रमोद कुमार दशोरा ने की। दशोरा ने अपने उद्बोधन में बताया कि उपस्थित संभागियों को शरीर, मन और मस्तिष्क के संबंध से समग्र स्वास्थ्य को प्राप्त किया जा सकता है ।आज का युग कृत्रिम बुद्धिमत्ता का युग है, इसमें शिक्षकों को अपनी शिक्षण विधाओं में इसका उपयोग करते रहना चाहिए । विद्यालयों में संचालित आईसीटी लैब का छात्रों को उनके शैक्षणिक उन्नयन में आधिकाधिक लाभ मिले। विद्यालय में विषय अध्यापकों के रिक्त पदों की स्थिति में ओ लैब के माध्यम से कक्षाओं का संचालन किया जाना चाहिए, ताकि वर्चुअल कक्षाओं के माध्यम से छात्रों का पाठ्यक्रम पूरा करवाया जा सके। स्थानीय भाषा पर आधारित सामग्री निर्माण कार्यशाला में राज्य संदर्भ व्यक्ति अनिल कुमार चाष्टा, सोनल ओझा, कृष्णा कच्छावा एवं दिनेश कुमार साधु के नेतृत्व में चित्तौड़गढ़ जिले में प्रचलित मेवाड़ी भाषा के लगभग 1500 शब्दों के शब्दकोश का विकास निर्माण समिति कपासन के तकनीकी सहयोग से किया गया है । कक्षा शिक्षण हेतु स्थानीय भाषा पर आधारित शिक्षण सामग्री का निर्माण विश्वामित्र दायमा, शिल्पा खटोड़, हेमलता शर्मा, विनोद कुमार सुथार, गोपाल लाल छीपा आदि शिक्षकों के साथ निर्माण समिति के पूरणमल बैरवा एवं गोवर्धन लाल जाट ने कार्यशाला में सामग्री निर्माण में सहयोग प्रदान किया। आईसीटी लैब संबंधी प्रशिक्षण में मुख्य संदर्भ व्यक्ति जसवंत यादव एवं शारीरिक साक्षरता आधारित प्रशिक्षण में मुख्य सन्दर्भ व्यक्ति राजेश ओझा रहे। इस सत्र में शर्मा ने संभागियों की मांग पर हार्टफुलनेस पर आधारित ध्यान योग का प्रशिक्षण प्रदान किया।

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