चित्तौड़गढ़ का ये गिरोह साउथ फिल्म ‘थीरन’ की तर्ज पर करते थे वारदातें

चित्तौड़गढ़ का ये गिरोह साउथ फिल्म ‘थीरन’ की तर्ज पर करते थे वारदातें
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बाड़मेर/चित्तौड़गढ़। वाहन को हाईवे पर खड़ा कर गांवों में रेकी करते, शगुन देखकर घरों को टारगेट करते और चोरी के बाद फरार हो जाते थे। 1-2 महीने तक पहाड़ों में छुपे रहते थे और मामला शांत होने पर फिर चोरी के लिए निकलते थे। चित्तौड़गढ़ का यह गिरोह साउथ फिल्म ‘थीरन’ की तर्ज पर वारदातें करता था।

इस गिरोह ने बाड़मेर के धोरीमन्ना इलाके के एक गांव में 1.50 करोड़ रुपए की ज्वेलरी-कैश लूट की थी और इसके बाद फरार हो गए थे। पुलिस इनकी तलाश कर रही थी। 16 मई 2025 को पुलिस को जानकारी मिली कि ये गिरोह चित्तौड़गढ़-बेगूं में अरावली की पहाड़ियों में छुपा है। इस इलाके में लेपर्ड और हाइना का मूवमेंट रहता है।

पुलिस ने 4 दिन पहाड़ी के पास कैंप लगाया और ड्रोन से इलाका सर्च किया। इसके बाद रविवार की रात को पुलिस टीम दूरबीन की मदद से पहाड़ी पर चढ़ी और वहां सो रहे मास्टरमाइंड समेत 3 आरोपियों को दबोच लिया। आरोपियों से पूछताछ के आधार पर भीलवाड़ा से एक ज्वेलर को गिरफ्तार किया है।

बाड़मेर एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने बताया- धोरीमन्ना के शोभाला जैतमाल गांव में डेढ़ करोड़ की ज्वेलरी-कैश चोरी के मामले में सनिया उर्फ समीर निवासी बेगूं (चित्तौड़गढ़), अनिल निवासी विजयपुर (चित्तौड़गढ़), रमेश चंद निवासी सुवानिया काटुंडा, बेगूं (चित्तौड़गढ़) को गिरफ्तार किया है।

चोरों से पूछताछ के आधार पर चोरी की ज्वेलरी खरीदने वाले ज्वेलर बंसत कुमार निवासी मांडलगढ़ (भीलवाड़ा) को गिरफ्तार किया है। गैंग के सरगना सनिया के खिलाफ अलग-अलग जिलों में कुल 31, अनिल के खिलाफ 9 और बसंत कुमार के खिलाफ 1 मामला पहले से दर्ज है।

बाड़मेर एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने बताया- 23 अगस्त 2024 को धोरीमन्ना के ज्वेलर मोहनलाल माहेश्वरी ने थाने में रिपोर्ट दी थी। उन्होंने बताया कि चोरों ने घर की खिड़की तोड़कर कुल 113 तोला सोने के गहने, 4.80 किलोग्राम चांदी के गहने और 3 लाख रुपए नकदी चुरा ली है। घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण कर सबूत जुटाए गए। मौके पर डीएसटी, एमओबी, डॉग स्क्वॉड और एफएसएल टीमों ने भी सबूत जुटाए थे।

एसपी ने बताया- जांच के दौरान चित्तौड़गढ़ की सनिया उर्फ समीर कंजर की गैंग का नाम सामने आया। मास्टरमाइंड सनिया के साथ रमेश, अनिल समेत 3-4 लोगों की गैंग लाडपुरा-मांडलगढ़ होते हुए 6 चक्का ट्रक से बाड़मेर की तरफ आए थे। यहां रेकी के बाद डेढ़ करोड़ की ज्वेलरी और कैश चुराकर फरार हो गए थे।

एसपी ने बताया- लंबे समय से तलाश के बाद भी आरोपी पकड़ में नहीं आ रहे थे। 3 दिन पहले (16 मई को) पुलिस को तकनीकी सूचना के आधार पर पता चला कि सनिया गैंग के लोग पहाड़ों से उतरकर बेगूं-चित्तौड़गढ़ की तलहटी में आए हुए हैं। जैसे ही पुलिस ने इन्हें पकड़ने की कोशिश तो ये लोग वापस पहाड़ों में भाग निकले। पहाड़ों पर इन लोगों ने ऐसी जगह ठिकाना बना रखा था, जहां लेपर्ड और हाइना का मूवमेंट रहता है। ऐसे में पुलिस ने पहले ट्रेस कर पकड़ने की प्लानिंग बनाई।

एसपी नरेंद्र मीना ने बताया- पुलिस ने टीमें गठित कर पहाड़ से करीब 3 किमी की दूरी पर कंट्रोल रूम बनाया। भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए धोरीमन्ना थाने के एएसआई रावताराम के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस को भी शामिल किया गया। पुलिस ने 4 रातों तक ड्रोन कैमरे के जरिए गैंग के ठिकानों को चिह्नित किया। दूरबीन की मदद से आरोपियों की मूवमेंट को भी ट्रैस किया।

एसपी ने बताया- पुलिस टीम ने 18 तारीख की रात को कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन चलाने का निर्णय लिया। टीम रात करीब 3 बजे कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से पैदल रवाना हुई और ड्रोन के साथ ही नाइटविजन दूरबीन से निगरानी करते हुए पहाड़ी के पीछे की तरफ तीखी ढलान से चढ़ना शुरू किया।

टीम ने पहाड़ी की चोटी पर पहुंचकर वहां सो रहे आरोपियों को घेर लिया। टीम ने गैंग के सरगना सनिया उर्फ समीर और अनिल को डिटेन किया। गैंग का साथी रमेश चंद मौके से भाग निकला, लेकिन उसे भी मध्यप्रदेश की सीमा पर डिटेन कर लिया गया। पूछताछ के आधार पर चोरी का माल खरीदने वाले भीलवाड़ा के ज्वेलर बसंत को भी गिरफ्तार किया गया।

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