शमशान घाट भूमि को लेकर ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी को सोपा ज्ञापन
गंगरार (ठाकुर कुमार सालवी) शमशान घाट भूमि को यथावत स्थान पर ही रखते हुए सामुदायिक शमशान घाट पर विकास कार्य को लेकर ग्रामीणों ने उपखण्ड अधिकारी सी एल शर्मा को ज्ञापन देते हुए अवगत कराते हुए बताया कि सम्पूर्ण गांव में एक मात्र शमशान घाट स्थित है और यहां हमेशा से ही दाह संस्कार होते हुए आए हैं। सोमवार को उपखंड मुख्यालय पर गोवलिया ग्राम पंचायत के धुवालियां ग्राम से बड़ी तादाद मे महिलाए एवं पुरुष ट्रैक्टर व अन्य वाहनों में सवार होकर उपखण्ड मुख्यालय पहुंचे। और अधिकारी को अपनी समस्या से अवगत करते हुए कहा कि पूर्व में ग्राम पंचायत में ग्राम सभा के अंतर्गत श्मशान घाट के लिए प्रस्ताव लिया गया था एवं राज्य सरकार द्वारा ग्राम धुवालियां के ग्रामवासियों के लिए एक शमशान घाट आवंटित किया गया। जिस पर कई लोगों का दाह संस्कार भी किया जा चुका। वहीं दूसरी ओर ग्राम में कतिपय प्रभावशाली लोगो ने शमशान घाट भूमि को अपने कब्जे में लेने हेतु अथक प्रयास कर रहे हैं।
जिसे लेकर उक्त व्यक्तियों द्वारा राज सरकार एवं ग्राम वासियों के विरुद्ध एक वाद गंगरार सिविल न्यायालय पेश कर रखा था। जिस पर गंगरार सिविल न्यायालय द्वारा निर्णय राज सरकार व ग्रामवासियों के पक्ष में आया। जिसे लेकर उक्त व्यक्तियों ने उक्त भूमि का उच्च न्यायालय जोधपुर मे एक वाद पेश कर रखा है।
ग्रामीणों ने कहा कि आवंटित भूमि चरनोट है एवं राज्य सरकार द्वारा शमशान घाट के लिए आवंटित हो चुकी है, राजेश सरकार द्वारा उक्त भूमि पर करीब 70 लाख रुपये चार दिवारी एवं विकास कार्य हेतु स्वीकृत हो चुके हैं। ऐसे मे आमजन की जनभावनाओं को देखते हुए शमशान घाट भूमि पर ही विकास कार्य हो न की अन्यत्र स्थान पर शमशान घाट स्थापित हो।
इस अवसर पर जगदीश गुर्जर, बाबूलाल गुर्जर, गिरधारी लाल भील, गोपाल लाल, नानू लाल, देवीलाल, भगवान लाल, जगन्नाथ, रतन लाल, रामपाल, देवी लाल, नंदू बाई, शंकरी, लाली बाई, गीता देवी, टेमा, शांति, रतनी, बाली, सुशीला सहित बड़ी तादाद में ग्रामीण लोग उपस्थित थे।