इधर जनता दशहरे मेले में थी व्यस्त, उधर नगर परिषद लाखों रुपए लूटा होती रही मदमस्त

निम्बाहेड़ा जब से निम्बाहेड़ा नगर पालिका नगर परिषद में क्रमोन्नत हुई है तब से वित्तीय लेनदेन में धांधलियां एवं टेंडर प्रक्रिया में नियमितताएं नगर परिषद प्रशासन की पहचान बन चुकी है। पूर्व में निर्माण विभाग से जुड़ी हुई अनियमिताओं एवं टेंडर प्रक्रिया में धांधली का मामला कांग्रेस पार्टी द्वारा उजागर किया गया था अब इसी क्रम में सितंबर माह में नगर परिषद द्वारा राष्ट्रीय दशहरे मेले में हुई एक बड़ी अनियमितता सामने आई है जिसे देखकर कर हर कोई हतप्रद है।

पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सुभाषचंद्र शारदा ने बताया कि राष्ट्रीय दशहरा मेला निम्बाहेड़ा शहर की पहचान है जो हमें प्रदेश में एक अलग स्थान दिलाता है। यह हर शहरवासी की भावना से जुड़ा हुआ है लेकिन जब इस वर्ष दशहरा मेले में स्थानीय जनता के साथ-साथ विभिन्न प्रदेशों से आने वाले लोग दशहरे मेले का आनंद ले रहे थे इस दौरान नगर परिषद निंबाहेड़ा ने एक इतनी बड़ी वित्तीय अनियमितता की है जिसे देखकर पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों सहित आम जनता हतप्रद है। शारदा ने कहा कि नगर परिषद द्वारा राष्ट्रीय दशहरा में फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी सहित ड्रोन से वीडियो बनाने के कार्य हेतु 20 लाख रुपए की लागत निर्धारित करते हुए टेंडर आमंत्रित किया गया था जिसमें चार संवेदको ने भाग लिया। टेंडर में स्टार सेलिब्रेशन की दर 31% कम, हरि फोटो एवं वीडियो कि दर 41% कम, प्रिंस वीडियो शूटिंग कि दर 52% कम एवं राजनंदिनी स्टूडियो की दर 71% कम प्राप्त हुई, जिसमें न्यूनतम दर के आधार पर राजनंदिनी स्टूडियो को कार्यदेश जारी किया गया जिसमें उक्त संवेदक को 20 लाख रुपए की राशि का कार्य केवल 580000 में किया जाना प्रस्तावित था। दशहरे मेले के दौरान ही हमें इन अनियमिताओं की जानकारी मिल गई थी जिसके बाद हमने दशहरे के पश्चात एक पत्र नगर परिषद प्रशासक एवं नगर परिषद आयुक्त सहित अन्य सक्षम अधिकारी को प्रेषित करते हुए दशहरा मेला में हुई वित्तीय अनियमिताओं की जांच करने एवं भुगतान पर रोक लगाने की मांग की थी परंतु नगर परिषद प्रशासन में हमारी मांग को अनसुना करते हुए आनन फानन में भुगतान करने शुरू कर दिए, जिसकी बानगी हमें इस टेंडर में भी देखने को मिली जहां संवेदक द्वारा 71% बिलों की दर पर कार्य करना स्वीकार किया गया था जिसकी भुगतान राशि 5.80 लाख होनी थी परंतु उक्त फर्म को कार्यादेश राशि का लगभग 325% अधिक भुगतान करते हुए 17 लाख से अधिक का भुगतान किया गया जो की शुद्ध रूप से राजकोष को नुकसान पहुंचाने वाला कृत्य हैं। शारदा ने कहा कि कार्यादेश की सीमा 50% से अधिक बढ़ाने का अधिकार तो जनता द्वारा चुने हुए बोर्ड के पास भी नहीं है परंतु अधिकारियों द्वारा ना जाने किन नियमों के आधार पर टेंडर की स्वीकृत राशि को लगभग 325% तक बढ़ा दिया गया जो समझ से परे है।

निम्बाहेड़ा नगर कांग्रेस अध्यक्ष बंशीलाल राईवाल ने बताया कि जब से निम्बाहेड़ा नगर पालिका में कांग्रेस बोर्ड का कार्यकाल पूर्ण हुआ है एवं राज्य सरकार द्वारा नगर पालिका को नगर परिषद के रूप में क्रमोन्नत किया गया है तब से स्थानीय प्रशासन द्वारा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मिलीभगत करके राजकोष को नुकसान पहुंचाने के अनैतिक कृत्य किए जा रहे हैं जिससे नगर परिषद के राजकोष को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है जबकि उक्त पैसे का आम जनता के कार्य संपन्न करने में उपयोग लिया जा सकता था। परंतु यह देखने में आया है कि स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी एवं नगर परिषद के कर्मचारी भारतीय जनता पार्टी के एजेंट की तरह कार्य कर रहे हैं उन्हें ना विभागीय निर्देशों की चिंता है और ना ही उन्हें प्रदेश सरकार की छवि धूमिल होने की कोई फिक्र है। स्थानीय अधिकारी केवल भाजपा नेताओं के साथ राजकोष की बंदरबांट करने में लगे हुए हैं। राईवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा पूर्व में भी निम्बाहेड़ा नगर परिषद में की जा रही वित्तीय धांधलियों एवं टेंडर प्रक्रिया में लगाई जा रही अनावश्यक शर्तों के विरोध में लिखित में शिकायत प्रेषित की गई थी। साथ ही उक्त शिकायत को प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, राजस्थान के मुख्यमंत्री सहित सभी सक्षम अधिकारियों तक भी पहुंचाया गया था परंतु उसका नतीजा ढाक के तीन पात की तरह निकला। हमारी शिकायत पर कार्यवाही ना होने का मुख्य कारण राजकोष की इस बंदरबांट का हिस्सा उच्चतम स्तर पर पहुंचना प्रतीत हो रहा है इसी वजह से सभी अपने निजी हित साधते हुए शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष परवेज अहमद शिब्बी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी समय-समय पर स्थानीय प्रशासन एवं नगर परिषद द्वारा की गई जा रही अनियमितताओं को उच्चतम स्तर पर उठाती रही है परंतु शायद स्थानीय विधायक श्रीचंद कृपलानी के वृहदहस्त प्राप्त भाजपा नेताओं एवं अधिकारियों का यह अनैतिक गठजोड़ आम जनता एवं विपक्ष की आवाज से कहीं ज्यादा मजबूत है इसी वजह से शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है और जनता के काम आ सकने वाले करोड़ों रुपए को इस तरह खुली लूट मचा कर अपनी जेब भरने का कार्य किया जा रहा है जो पूर्ण रूप से अनुचित है। नगर परिषद प्रशासन एवं अन्य अधिकारी इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि जब 2028 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होगा तो उनके द्वारा किए गए इन कृतियों को जांच के दायरे में लाकर सभी की जिम्मेदारियां तय की जाएगी एवं राजकोष को उनके द्वारा पहुंचाए गए नुकसान को उनके रिकवर किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।

शारदा ने कहां की हमारे पास नगर परिषद द्वारा की जा रही वित्तीय अनियमिताओं की एक बड़ी सूची है जिसकी विस्तृत जानकारी हम जुटा रहे हैं। आने वाले समय में नगर परिषद द्वारा की गई और भी अनियमिताओं की जानकारी जनता तक पहुंचाई जाएगी। अब देखना यह है कि क्या मुख्यमंत्री जो प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त शासन का फटा ढोल पीटने में लगे हुए हैं हमारी शिकायत पर कोई कार्यवाही करते हैं या स्थानीय विधायक चंद कृपलानी के आशीर्वाद से फलफूल रहा सत्ता एवं प्रशासन का यह अनैतिक गठजोड़ इसी तरह जनता का पैसा लूटने में लगा रहेगा।

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