राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव की तैयारियों पर कार्यशाला का आयोजन

चित्तौड़गढ़ । सांसद सी.पी. जोशी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वदेशी भावना एवं आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से प्रेरित है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में मेले की रूपरेखा, आयोजन के स्वरूप तथा इसे और अधिक प्रभावी बनाने संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए गए।
आगामी राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव की तैयारियों को लेकर रविवार को इंदिरा प्रियदर्शनी ऑडिटोरियम में एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद सी.पी. जोशी एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा मां सरस्वती की छवि पर दीप प्रज्वलित कर किया गया।
सांसद जोशी ने कहा कि महोत्सव का शुभारंभ एक विशाल शोभायात्रा के साथ होगा, जिसमें सभी वर्गों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने जानकारी दी कि मेले में आयुर्वेद कैंप का भी आयोजन होगा, जिसमें देशभर के 300 से अधिक आयुर्वेदाचार्य भाग लेंगे और पंचकर्म सहित अनेक बीमारियों के समाधान हेतु परामर्श उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर योग और आयुर्वेद की पद्धतियों को अपनाया जा रहा है।
महोत्सव में देश के ख्यातनाम कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे। साथ ही ‘‘एक जिला एक उत्पाद’’, ‘‘एक जिला एक खेल’’ तथा सांसद खेलकूद प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा। महोत्सव का उद्देश्य स्वदेशी संस्कृति, भाषा, वेशभूषा तथा अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करना है। सांसद सीपी जोशी ने सभी संगठनों को अपने क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव से संबंधित अपील सोशल मीडिया पर जारी करने हेतु प्रेरित किया।
कार्यशाला में बेगूं विधायक सुरेश धाकड़ ने भी स्वदेशी महोत्सव के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रभा गौतम ने तैयारियों का विवरण साझा किया। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक राहुल देव सिंह ने 23 से 28 दिसंबर तक आयोजित होने वाले महोत्सव के कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की।
300 से अधिक स्टॉल पर उत्कृष्ट स्वदेशी उत्पाद प्रदर्शित होंगे
महोत्सव में संपूर्ण भारत से जैविक खाद्य सामग्री, 100 से अधिक प्रकार के देसी बीज, श्रीअन्न (मिलेट्स), जैविक मसाले, तिलहन, कोल्डप्रेस तेल, सहजन उत्पाद, प्राकृतिक सौंदर्य प्रसाधन तथा तांबा, कांसा, पीतल, लोहा, बांस, लकड़ी और मिट्टी के बर्तन प्रदर्शित किए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त उत्तराखंड के बागेश्वर का टम्टा ताम्र शिल्प, चंपावत के लौह बर्तन, हाथ से तैयार चावल एवं श्रीअन्न उत्पाद भी विशेष आकर्षण रहेंगे।
मनोरंजन एवं सांस्कृतिक संध्या
महोत्सव में हेमन्त बृजवासी भजन संध्या, त्रिपुरा–आसाम–पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की प्रस्तुतियाँ, विशाल गरबा एवं घूमर नृत्य, लोक व पुरातन सांस्कृतिक नृत्य, जैविक फूड कोर्ट, झूले, लोक खेल, तुर्रा कलंगी एवं कठपुतली की प्रस्तुतियाँ विशेष आकर्षण रहेंगी।
भारत के प्रसिद्ध हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट प्रदर्शित होंगे
पोकरण, मोलेला, रामगढ़ पॉटरी, भदोही कारपेट, उत्तराखंड–तिब्बत–हिमाचल–कच्छ–कश्मीर के ऊनी वस्त्र, सहारनपुर फर्नीचर, सांगानेरी एवं दाबू–अजरक प्रिंट, कोटा डोरिया, भीनमाल चर्म जूतियां, जालौर खेस, आसाम–बंगाल के जूट–बांस हस्तशिल्प, फिरोजाबाद काँच उत्पाद, प्रतापगढ़ थेवा ज्वैलरी, जयपुर ज्वैलरी तथा मधुबनी पेंटिंग सहित GI टैग एवं ODOP से जुड़े उत्पाद उपलब्ध होंगे।
राजीविका की राजसखी द्वारा निर्मित उत्पाद भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
स्टार्टअप पवेलियन एवं रोजगार गतिविधियाँ
सफल स्टार्टअप्स से मार्गदर्शन, मशरूम एवं केसर की खेती का प्रशिक्षण, मिलेट–रागी एवं जैविक व्यंजन कार्यशालाएँ, रोजगार शिविर तथा पंच गौरव पवेलियन का आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में अतिरिक्त जिला कलक्टर (भू.अ.) रामचंद्र खटीक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यशाला के पश्चात सभी प्रतिभागियों को ढोकले दाल व जैविक सब्जियां, देसी गिर गाय के घी के व्यंजन पत्तल दोने व पीतल कांसे के बर्तनों में परोस कर भोजन करवा कर स्वदेशी का विशिष्ट आकर्षक संदेश दिया गया।
कार्यशाला में अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश पुरोहित, यूआईटी सचिव कैलाश गुर्जर, जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद दशोरा, राजीविका के डॉक्टर रमेश धाकड़, जिला उद्योग अधिकारी हरीश चौधरी, रतन लाल गाडरी, रघु शर्मा, हर्षवर्धन सिंह रूद, कैलाश मंत्री, मनोज पारीक, सुधीर जैन, गोवर्धन जाट, संजू लढ्ढा, हरीश ईनानी, अनिल इनाणी, सी.पी. नामधाराणी एवं श्रवण सिंह राव, जानकीदास वैष्णव सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी सहित चित्तौड़गढ़ जिले के सभी क्षेत्र से संबंधित 1000 से अधिक लोग उपस्थित रहे।
