स्टिंग वीडियो पर बवाल, हनुमान बेनीवाल का तीखा हमला, एफआईआर और निष्कासन की मांग

राजस्थान की राजनीति में उस समय जबरदस्त हलचल मच गई जब भाजपा, कांग्रेस और एक निर्दलीय विधायक से जुड़े कथित स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। वीडियो सामने आते ही नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने प्रेस वार्ता कर सरकार और राजनीतिक दलों पर तीखा हमला बोला और पूरे मामले में तुरंत सख्त कार्रवाई की मांग की।
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि जिन विधायकों के नाम इन स्टिंग वीडियो में सामने आए हैं, उनके खिलाफ बिना किसी देरी के एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यदि राजनीतिक दल अपने ही नेताओं पर कार्रवाई नहीं करेंगे, तो जनता का भरोसा लोकतंत्र से उठ जाएगा। बेनीवाल ने भाजपा, कांग्रेस और संबंधित दलों से मांग की कि ऐसे विधायकों को तुरंत पार्टी से निष्कासित किया जाए, ताकि यह स्पष्ट संदेश जाए कि भ्रष्टाचार में लिप्त जनप्रतिनिधियों के लिए राजनीति में कोई जगह नहीं है।
प्रदेश की छवि को नुकसान
बेनीवाल ने कहा कि स्टिंग वीडियो में अलग अलग दलों के विधायकों के नाम सामने आना इस बात का प्रमाण है कि भ्रष्टाचार किसी एक पार्टी तक सीमित नहीं रह गया है। यह एक संगठित और गहरी बीमारी बन चुकी है, जिसने पूरे सिस्टम को जकड़ लिया है। उन्होंने इसे राजस्थान के लिए बेहद शर्मनाक करार देते हुए कहा कि भाजपा सरकार के दो वर्ष पूरे होने के तुरंत बाद ऐसे वीडियो सामने आना सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से राजस्थान की छवि पूरे देश में खराब हो रही है और जनता के मन में यह भावना बन रही है कि सत्ता में बैठे लोग ही नियम कानून को बेचने में लगे हैं। यह स्थिति लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।
मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच की मांग
हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से पूरे मामले की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि जांच केवल दिखावे की नहीं होनी चाहिए, बल्कि दोषी चाहे कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
बेनीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि राजस्थान में केवल नेता ही नहीं, बल्कि अधिकारी स्तर तक भ्रष्टाचार फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि अब आंख मूंदकर बैठने का समय नहीं है। यदि समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में हालात और भी बिगड़ सकते हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार और राजनीतिक दलों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, तो उनकी पार्टी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी।
