फर्जी डिग्री पर सख्ती, अब हर यूनिवर्सिटी दस्तावेज पर अनिवार्य होगा QR कोड

फर्जी डिग्री और जाली शैक्षणिक दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल करने वाले गिरोहों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश की सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटियों द्वारा जारी की जाने वाली डिग्री, डिप्लोमा, मार्कशीट और माइग्रेशन सर्टिफिकेट पर अनिवार्य रूप से QR कोड अंकित किया जाएगा।
सरकार का यह कदम भर्ती प्रक्रियाओं में सामने आने वाले संदिग्ध दस्तावेजों की समस्या को देखते हुए उठाया गया है। भर्ती के दौरान बड़ी संख्या में ऐसे प्रमाण पत्र सामने आते हैं, जिनकी सत्यता जांचने में लंबा समय लग जाता है। इससे चयन प्रक्रिया प्रभावित होती है और आयोगों को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है।
इस समस्या के समाधान के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 21 अगस्त को राज्य सरकार को सुझाव भेजा था। इसके बाद तकनीकी शिक्षा विभाग ने 3 सितंबर और उच्च शिक्षा विभाग ने 26 सितंबर को राज्य की सभी सरकारी और निजी यूनिवर्सिटियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए।
आरपीएससी सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि आयोग की ओर से सरकार को समय रहते सुझाव दिया गया था, ताकि भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज बनाया जा सके।
QR कोड व्यवस्था लागू होने के बाद भर्ती एजेंसियां एक क्लिक में अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच सीधे संबंधित यूनिवर्सिटी के मूल रिकॉर्ड से कर सकेंगी। इससे न केवल भर्ती प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि दस्तावेजों में किसी भी तरह की गड़बड़ी या फर्जीवाड़े को तुरंत पकड़ा जा सकेगा। सरकार का मानना है कि इस फैसले से फर्जी डिग्री नेटवर्क पर प्रभावी रोक लगेगी और योग्य अभ्यर्थियों को समय पर अवसर मिल सकेगा।
