स्मार्ट मीटर पर जनविरोध के बाद झुके डिस्कॉम्स, अब पहले सरकारी दफ्तरों में लगेंगे मीटर

स्मार्ट मीटर पर जनविरोध के बाद झुके डिस्कॉम्स, अब पहले सरकारी दफ्तरों में लगेंगे मीटर
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जयपुर. प्रदेश में स्मार्ट मीटर योजना को लेकर लगातार बढ़ रहे जनविरोध के सामने आखिरकर बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी है। अब घरों की बजाय पहले सरकारी दन्त्रों और सार्वजनिक इमारतों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस नई योजना के तहत प्रदेश के 1.73 लाख से ज्यादा सरकारी कनेक्शनों, जिनमें दफ्तर, स्कूल, अस्पताल और अन्य सार्वजनिक भवन शामिल हैं, पर पहले स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।डिस्कॉम्स ने यह फैसला उन शिकायतों और विरोध प्रदर्शनों के बाद लिया है, जिनमें लोगों ने तेज गति से चल रहे मीटरों और पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया था।

समझाइश और जागरूकता पर रहेगा जोर

नई रणनीति के तहत, जिन इलाकों में स्मार्ट मीटर का ज्यादा विरोध हो रहा है, वहां अब सीधे मीटर बदलने की बजाय समझाइश और जन जागरूकता पर फोकस किया जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पहले लोगों को स्मार्ट मीटर के फायदे और इसकी जरूरत के बारे में समझाएं। यहां तक कि जिन इलाकों में विरोध नहीं है, वहां भी मीटर लगाने से पहले लोगों को इसकी कार्यप्रणाली की पूरी जानकारी दी जाएगी।

स्मार्ट मीटर पर जनविरोध के बाद झुके डिस्कॉम्स, अब पहले सरकारी दफ्तरों में लगेंगे मीटरस्मार्ट मीटर पर जनविरोध के बाद झुके डिस्कॉम्स, अब पहले सरकारी दफ्तरों में लगेंगे मीटरइस पूरी कवायद के लिए बिजली कंपनियों ने एक नया मैकेनिज्म तैयार किया है। 'स्मार्ट मीटर का सही ज्ञान, अब राजस्थान को देगा नई पहचान' शीर्षक के साथ एक व्यापक जागरूकता अभियान शुरू करने की तैयारी है। सूत्रों के मुताबिक, डिस्कॉम प्रबंधन ने अपने सभी अधिकारियों को इस संबंध में मौखिक निर्देश जारी कर दिए हैं।

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