इमरजेंसी मरीजों को ‘गोल्डन आवर’ में मिलेगा इलाज

उदयपुर के ‘RRR’ सेतु प्रोजेक्ट की पूरे राजस्थान में तैयारी —
सरकार ने जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की दी हरी झंडी
जयपुर / उदयपुर। उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल में लागू किए गए ‘RRR’ सिस्टम (रैपिड, रेफरल और रिड्रेसल) को अब पूरे राजस्थान में लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। यह प्रोजेक्ट पिछले साल जून में उदयपुर के महाराणा भूपाल हॉस्पिटल में शुरू हुआ था और अब इसे अन्य जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा।
यह सिस्टम आपातकालीन (Emergency) मरीजों को अस्पताल पहुंचने से पहले ही इलाज की तैयारी पूरी करने में मदद करता है, जिससे ‘गोल्डन आवर’ में उपचार शुरू हो सके और मरीज की जान बचाई जा सके।
📡 कैसे काम करता है RRR सिस्टम:
जैसे ही किसी मरीज को दूसरे अस्पताल से रेफर किया जाता है, उसकी पूरी जानकारी (नाम, समस्या, मेडिकल डिटेल) हॉस्पिटल की बड़ी स्क्रीन पर तुरंत शो होती है और ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों की टीम को मोबाइल पर अलर्ट भेजा जाता है। इससे मरीज के पहुंचने से पहले ही इलाज की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
📌 सरकार की तैयारी:
मुख्यमंत्री कार्यालय की संयुक्त सचिव अंजू राजपाल ने चिकित्सा शिक्षा विभाग से इस सिस्टम की विस्तृत जानकारी मांगी है। डॉक्टरों और स्टाफ को स्पेशल ट्रेनिंग देने और चयनित जिलों में इसे प्रयोगात्मक रूप से लागू करने का प्लान बनाया गया है। सफल होने पर यह मॉडल पूरे राजस्थान में लागू किया जाएगा।
🩻 RNT मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. विपिन माथुर ने बताया—
“यह सिस्टम इस सोच से बना कि इमरजेंसी मरीजों को अस्पताल पहुंचते ही इलाज मिल जाए। गोल्डन आवर में इलाज शुरू हो जाए तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।”
