कांग्रेस ने राजस्थान में किया बड़ा संगठन विस्तार: पैंतालीस जिलाध्यक्ष घोषित, बारह विधायकों और पांच पूर्व विधायकों को मिली कमान

कांग्रेस ने राजस्थान में जिला संगठन के पुनर्गठन को बड़े पैमाने पर पूरा कर लिया है। कुल 50 जिलों में से 45 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है, जबकि 5 जिलों में नाम अभी लंबित हैं। यह पूरी प्रक्रिया राहुल गांधी के रायशुमारी फॉर्मूले पर आधारित रही, जिसमें कार्यकर्ताओं की राय लेकर अंतिम पैनल तैयार किया गया। संगठन ने इस बार संतुलन, सामंजस्य और नए-पुराने नेतृत्व के मिश्रण को प्राथमिकता दी है।कांग्रेस ने 37 जिलों में नए चेहरों को मौका दिया है, जबकि 8 जिलाध्यक्षों को दोबारा नियुक्त किया गया है। कुल 45 जिलाध्यक्षों में 7 महिलाएं शामिल हैं। सामाजिक वर्गों के प्रतिनिधित्व में भी संतुलन रखा गया है: सामान्य वर्ग के 8, एससी के 9, एसटी के 8, ओबीसी के 16 और 4 अल्पसंख्यक वर्ग से हैं।
12 जिलों में विधायकों को जिलाध्यक्ष
कांग्रेस ने 12 जिलों में मौजूदा विधायकों को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपकर यह संदेश दिया है कि संगठनात्मक काम अब अधिक जवाबदेही और मजबूत पकड़ वाले नेताओं के हाथों में रहेगा। जिन विधायकों को यह जिम्मेदारी दी गई है, वे हैं
अजमेर ग्रामीण – विकास चौधरी
बांसवाड़ा – अर्जुन सिंह बामणिया
डीडवाना-कुचामन – जाकिर हुसैन गैसावत
धौलपुर – संजय जाटव
जयपुर ग्रामीण वेस्ट – विद्याधर सिंह चौधरी
डूंगरपुर – गणेश घोघरा
झुंझुनूं – रीटा चौधरी
जोधपुर ग्रामीण – गीता बरवड़
करौली – घनश्याम मेहर
सवाई माधोपुर – इंदिरा मीणा
श्रीगंगानगर – रूपिंदर सिंह कुन्नर
चूरू – मनोज मेघवाल
पांच जिलों में पूर्व विधायकों को मिली कमान
कांग्रेस ने 5 जिलों में पूर्व विधायकों पर भरोसा जताया है
भीलवाड़ा ग्रामीण – पूर्व मंत्री रामलाल जाट
जयपुर ग्रामीण पूर्व – गोपाल मीणा
कोटपूतली-बहरोड़ – इंद्राज गुर्जर
उदयपुर ग्रामीण – रघुवीर मीणा
अजमेर शहर – राजकुमार जयपाल
आठ जिलाध्यक्ष रिपीट
आठ जिलों में संगठन ने पुराने जिलाध्यक्षों को फिर मौका दिया है।
भरतपुर – दिनेश सिंह सूपा
बीकानेर ग्रामीण – बिशनाराम सियाग
दौसा – रामजीलाल ओड
जयपुर ग्रामीण (पूर्व) – गोपाल मीणा
कोटा ग्रामीण – भानुप्रताप सिंह
सीकर – सुनीता गठाला
उदयपुर शहर – फतेह सिंह राठौड़
साथ ही जाकिर हुसैन गैसावत को नए बने डीडवाना-कुचामन जिले का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे पहले नागौर के जिलाध्यक्ष थे।
पांच जिलों के जिलाध्यक्ष अभी अटके
कांग्रेस ने जयपुर शहर, राजसमंद, प्रतापगढ़, बारां और झालावाड़ जिलों के नाम अभी घोषित नहीं किए हैं।
बारां और झालावाड़ में अंता उपचुनाव के कारण रायशुमारी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।
जयपुर शहर, राजसमंद और प्रतापगढ़ में खींचतान और सहमति न बन पाने के कारण घोषणा टल गई है।
रायशुमारी प्रक्रिया कैसे हुई
कांग्रेस ने इस बार जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए बड़े स्तर पर रायशुमारी करवाई।
हर जिले के लिए अलग-अलग राज्यों से पर्यवेक्षकों की टीम भेजी गई।
पर्यवेक्षकों ने स्थानीय नेताओं, कार्यकर्ताओं और ब्लॉक स्तर पर बातचीत कर 6-6 नामों का पैनल तैयार किया।
यह रिपोर्ट संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को भेजी गई।
वेणुगोपाल ने प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और वरिष्ठ नेताओं से विस्तृत चर्चा की।
चर्चा के बाद राहुल गांधी को एक-एक जिले के लिए सिंगल नामों का पैनल भेजा गया, जिसके आधार पर नियुक्तियां हुईं।
कुल मिलाकर कांग्रेस ने जिला संगठन को नए सिरे से मजबूत और सक्रिय बनाने के लिए यह बड़ा बदलाव किया है, जिसमें नए चेहरों, युवाओं, महिलाओं और सामाजिक संतुलन का विशेष ध्यान रखा गया है।
