संजीवनी घोटाले पर गहलोत का बड़ा बयान- शेखावत केस वापस लें

संजीवनी घोटाले पर गहलोत का बड़ा बयान- शेखावत केस वापस लें
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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को सुझाव दिया कि वे दर्ज मानहानि केस को वापस लें और बातचीत के जरिए समाधान निकालें, ताकि इस घोटाले से प्रभावित हजारों पीड़ितों को राहत मिल सके। गहलोत ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत दो-तीन बार सांसद रह चुके हैं और अब कैबिनेट मंत्री हैं। यह कोई मामूली बात नहीं होती। मैं चाहूंगा कि वे आगे आकर संवाद करें। यदि वे निर्दोष हैं, जैसा वे दावा करते हैं, तो हमें भी खुशी होगी कि वे निर्दोष साबित हों। हमारा मकसद किसी को टारगेट करना नहीं है, बल्कि हम चाहते हैं कि इस गंभीर समस्या का हल निकले।

गौरतलब है कि इस घोटाले में कई लोग 50 लाख, 80 लाख यहां तक कि 1 करोड़ रुपये तक की राशि गंवा चुके हैं। कई पीड़ित ऐसे हैं जिनकी पूरी पेंशन डूब गई है। गहलोत ने कहा कि ऐसे लोगों के लिए समाधान निकालना जरूरी है। हम चाहते हैं कि शेखावत संघर्ष समिति और पीड़ितों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकर बात करें। केंद्र में मंत्री होने के नाते यह उनकी जिम्मेदारी भी बनती है। बेवजह इसे राजनीतिक रंग न दिया जाए।

गहलोत ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर दिल्ली की अदालत में अब तक 15 पेशियां हो चुकी हैं, जिनमें वे और शेखावत दोनों शामिल हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ दस्तावेजों में उनके माता-पिता और परिवार के नाम का जिक्र किया था, जिसे लेकर उन्होंने मानहानि का केस कर दिया। यदि वे इस केस को वापस लें और समाधान की पहल करें, तभी मैं मानूंगा कि वे सचमुच निर्दोष हैं। जोगाराम पटेल के बयानों पर तंज कसते हुए गहलोत ने कहा कि उनकी ड्यूटी है बोलना, लेकिन उनके बयानों में कोई दम नहीं है। कांग्रेस विधायकों और पूर्व विधायकों के काम रोके जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा एक भी विधायक नहीं है, जिसका काम रोका न गया हो। भाजपा कार्यकर्ताओं को भी इसी तरह की परेशानी हो रही है। हमसे ज्यादा तकलीफ उन्हें हो रही है।

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