हिंदुस्तान जिंक ने इलेक्ट्रिक बसों के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए, स्कोप 3 उत्सर्जन घटाने की दिशा में बड़ा कदम

हिंदुस्तान जिंक ने इलेक्ट्रिक बसों के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए, स्कोप 3 उत्सर्जन घटाने की दिशा में बड़ा कदम
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उदयपुर। दुनिया के सबसे बड़े एकीकृत जिंक उत्पादक और शीर्ष पांच चांदी उत्पादकों में से एक, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने जिंकसिटी – उदयपुर के जिंक स्मेल्टर देबारी में 40 इलेक्ट्रिक वाहन बल्कर्स का बेड़ा संचालित कर सस्टेनेबल लॉजिस्टिक्स की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एनविरो व्हील्स मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से ये बल्कर जिंक स्मेल्टर देबारी से चित्तौड़गढ़ स्थित विश्व के सबसे बड़े सिंगल-लोकेशन इंटीग्रेटेड जिंक-लेड स्मेल्टर तक कैल्साइन परिवहन करेंगे।

इस पहल का पहला बैच 10 ईवी बल्करों का सफलतापूर्वक संचालन शुरू हो चुका है और शेष बल्कर आने वाले महीनों में परिचालन में आएंगे। ये ईवी वाहन न केवल कार्बन उत्सर्जन कम करेंगे, बल्कि वाहन उपलब्धता, परिवहन सुरक्षा और परिचालन दक्षता में सुधार लाएंगे।

ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देते हुए, हिंदुस्तान जिंक ने उसी दिन कर्मचारी परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक बसों को तैनात करने हेतु एनविरो व्हील्स के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। पारंपरिक डीज़ल-संचालित बसों की जगह इलेक्ट्रिक विकल्प अपनाने से स्कोप 3 उत्सर्जन में कमी आएगी और कर्मचारियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और अधिक सस्टेनेबल आवागमन सुनिश्चित होगा।

हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “हम अपनी लॉजिस्टिक रणनीति में सस्टेनेबिलिटी को मूल में शामिल कर स्वच्छ, कनेक्टेड और भविष्य के लिए तैयार पारिस्थितिकी तंत्र बना रहे हैं। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी न केवल कार्बन फुटप्रिंट घटा रही है, बल्कि परिचालन दक्षता, कार्यबल सुरक्षा और दीर्घकालिक मूल्य भी बढ़ा रही है।”

कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता में भी लगातार निवेश कर रही है। हाल ही में 530 मेगावाट 24 घंटे नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति के लिए एमओयू किए गए हैं और पहले प्रवाह की शुरुआत भी हो चुकी है। ऊर्जा दक्षता सुधार के लिए टर्बाइन नवीनीकरण, सेलहाउस दक्षता वृद्धि और वेरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव्स की स्थापना जैसी पहल की जा रही हैं।

एनविरो व्हील्स के सीईओ प्रवीण सोमानी ने कहा कि हिंदुस्तान जिंक का यह कदम भारत के विनिर्माण क्षेत्र में एक मील का पत्थर है। स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल मोबिलिटी समाधान उद्योगों को सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेंगे।

यह तैनाती हिंदुस्तान जिंक की डीकार्बोनाइजेशन पहलों का हिस्सा है, जिसमें एलएनजी और बैटरी संचालित ट्रकों का एकीकरण, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत और उन्नत ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकियों को अपनाना शामिल है।

हिंदुस्तान जिंक हाल ही में इंटरनेशनल काउंसिल ऑन माइनिंग एंड मेटल्स 2025 में शामिल होने वाली पहली भारतीय कंपनी बनी। यह धातु और खनन क्षेत्र की पहली भारतीय कंपनी भी है जिसने साइंस बेस्ड टारगेट इनिशिएटिव के तहत 1.5 डिग्री सेल्सियस ग्लोबल वार्मिंग सीमा वाले लक्ष्यों को सुरक्षित किया है। कंपनी को लगातार दूसरे वर्ष एसएंडपी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक में शीर्ष 1 प्रतिशत में और वैश्विक स्तर पर 62 उद्योग क्षेत्रों में शीर्ष 66 कंपनियों में शामिल किया गया है।

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