झूठे तलाक देकर और फर्जी डिग्रियां के आधार पर नौकरी पाने वालों की अब खैर नहीं
जयपुर। राजस्थान सरकार लोकसभा चुनाव के संपन्न होने और आचार संहिता हटने के साथ ही एक्शन में आ गई है और झूठे तलाक लेकर नौकरी हासिल करने तथा फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल करने वालों के खिलाफ जांच की कवायद शुरू कर दी है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के एक लाख से अधिक सरकारी कार्मिक रडार पर आ गए हैं और उनमें खलबली मची हुई है ।
राजस्थान में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान पेपर लीक फर्जी ओएमआर शीट भरने ,डेमी प्रत्याशी बिठाने जैसे प्रकरण लगातार सामने आ रहे हैं और इससे प्रदेश की छवि देश में खराब हुई है तथा जांच पड़ताल चल रही है और कई आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है। सरकार ने इस कार्य के लिए एसआईटी,एसओजी और एटी चीटिंग सेल बना रखी है ।
अब सरकार ने पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई सरकारी भर्तियों की जांच करने का निर्णय लेते हुए लोकसभा चुनाव के नतीजे के दो दिन बाद ही भर्ती प्रकोष्ठ कार्मिक विभाग ने एक आदेश जारी किया है।
जिसमें पिछले 5 साल में हुई सरकारी भर्तियों मैं चयन हुए अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच की जाएगी और इसके लिए हर विभाग में एक आंतरिक कमेटी बनाई जाने के निर्देश दिए हैं।
विदित है कि पिछली कांग्रेस सरकार की कार्यकाल के दौरान 12 से अधिक अलग-अलग विभागों में नौकरियां निकाली गई थी उन में भर्ती हुए सभी कर्मचारी इस दायरे में आएंगे जिनकी संख्या लगभग 125000 से अधिक बताई जा रही है। राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा।
जब इतनी बड़ी संख्या में नौकरी कर रहे सरकारी कर्मचारियों के रिकॉर्ड खंगाले जाएंगे और फर्जी दस्तावेजों के साथ-साथ झूठे तलाक लेकर नौकरी पाने वाले सरकारी कार्मिक भी एजेंसियों की रडार पर होंगे । जांच एजेंसी इन सभी का कर्मचारियों के आवेदन के साथ जांच की शुरुआत करेगी और आवेदन के साथ लगाए गए दस्तावेज शैक्षणिक डिग्रियों की जांच पड़ताल करेगी और विशेष कर उन डिग्रियों पर ज्यादा फोकस होगा ।
जो प्राइवेट कॉलेज यूनिवर्सिटी से तथा राजस्थान के बाहर की कॉलेज यूनिवर्सिटी से ली गई है तथा कई मामले ऐसे भी हैं जिनमें सरकारी नौकरी पाने के लिए महिलाओं ने झूठे तौर पर अपने पति से आपसी सहमति से कानून संगत तलाक ले लिया और नौकरी हासिल कर ली तथा नौकरी मिलने के बाद वह वापस से अपने पति के साथ जीवन यापन कर रही है ऐसी महिलाएं भी जांच एजेंसी की रडार पर होगी।
सूत्रो के अनुसार जांच में दोषी साबित होने पर ऐसे कार्मिक महिला या पुरुष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ सेवा से बर्खास्त की तक अमल में लाई जाएगी।