सरकारी स्कूल की छात्राओं को ‘आपकी बेटी योजना’ के तहत खाते में ट्रांसफर होंगे 2500 रुपए

सरकारी स्कूल की छात्राओं को ‘आपकी बेटी योजना’ के तहत खाते में ट्रांसफर होंगे 2500 रुपए
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जयपुर। राजस्थान में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बालिकाओं की शिक्षा को मजबूती देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने इस वर्ष *आपकी बेटी योजना* को और अधिक सुव्यवस्थित रूप में लागू किया है। इसी क्रम में विद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने यहां अध्ययनरत पात्र छात्राओं का विवरण 25 नवंबर तक पोर्टल पर ऑनलाइन भेज दें। इसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा 30 नवंबर तक समग्र सत्यापन प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

योजना के अंतर्गत कक्षा 1 से 8 तक अध्ययन करने वाली बालिकाओं को 2100 रुपए तथा कक्षा 9 से 12 तक की छात्राओं को 2500 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह राशि जन आधार डेटा से जुड़े बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की जाएगी।

योजना का लाभ उन बालिकाओं को मिलेगा जिनके माता-पिता दोनों अथवा किसी एक का निधन हो चुका है। इसके अतिरिक्त बीपीएल श्रेणी एवं निर्धन परिवारों से आने वाली छात्राएं भी पात्र होंगी। शिक्षा निदेशालय के अनुसार निजी विद्यालयों में पढ़ने वाली बालिकाएं इस योजना में शामिल नहीं की गई हैं। केवल सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं को ही लाभ मिलेगा।

इस बार संपूर्ण प्रस्ताव प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। विद्यालय प्रधानों को पोर्टल पर लॉग इन कर प्रत्येक पात्र छात्रा की जानकारी, परिवार की पृष्ठभूमि, जन आधार नंबर, बैंक खाता विवरण और वर्गानुसार पंजीकरण पूरा करना होगा। जिन छात्राओं के दस्तावेज अधूरे हैं, उन्हें पहले सत्यापित कर सही प्रविष्टि करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि सहायता राशि वितरण में देरी न हो।

राज्य शिक्षा फाउंडेशन द्वारा सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। संस्था प्रमुखों से कहा गया है कि वे छात्राओं की पात्रता की गहन जांच करें और 9 बिंदुओं पर आधारित प्रस्ताव तैयार करें।

शिक्षा विभाग का समयबद्ध वितरण पर जोर

शिक्षा विभाग ने संकेत दिए हैं कि इस बार सहायता राशि के वितरण को समयबद्ध रखा जाएगा। पंजीकरण व सत्यापन प्रक्रिया पूर्ण होते ही दिसंबर माह में राशि सीधे खातों में भेजने की तैयारी है। विभाग के अनुसार इस बार योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और गति पर विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि वास्तविक जरूरतमंद बालिकाओं तक ही सहायता पहुंच सके।

विद्यालय स्तर पर शिक्षक व प्रधानाध्यापकों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी पात्र बालिका का नाम छूटने न पाए और अंतिम तिथि से पूर्व सभी प्रविष्टियों को अपडेट कर दिया जाए।

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