एक और बैठक… लेकिन नहीं पहुंचे मंत्री किरोड़ी लाल
इधर, वे लोकसभा चुनाव परिणाम आने के पहले से ही सचिवालय स्थित अपने दफ्तर नहीं जा रहे। सरकारी गाड़ी का भी इस्तेमाल नहीं कर रहे। दफ्तर नहीं जाने से विभाग के जरूरी कामकाज को लेकर भी निर्णय नहीं हो पा रहे। किरोड़ी लाल मीणा इस मामले को लेकर मीडिया से भी दूरी बनाए हुए हैं और कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
दरअसल, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने दौसा लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बयान दिया कि राजस्थान की 7 सीटों में से एक भी बीजेपी हार गई, तो मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। इन सीटों में भरतपुर, धौलपुर करौली, दौसा, अलवर, जयपुर ग्रामीण, टोंक सवाई माधोपुर और कोटा बूंदी था। वहीं, नतीजे के बाद इनमें से 4 सीटें भरतपुर, धौलपुर-करौली, दौसा व टोंक सवाईमाधोपुर सीटों पर बीजेपी हार गई।
सूत्रों के मुताबिक किरोड़ी लाल मीणा उन्हें मिली जिम्मेदारी वाली कुछ लोकसभा सीटें हारने के चलते इस्तीफा देने के पहले बयान दे चुके हैं। लेकिन असल वजह कुछ और भी है। बताया जा रहा है कि उन्हें मंत्रिमंडल में न तो मनचाहा पद मिला और न ही छोटे भाई जगमोहन मीणा को लोकसभा का टिकट। वे जगमोहन मीणा के लिए दौसा से लोकसभा टिकट की मांग कर रहे थे।